यह है मामला
विश्व कप 2011 की जीत के नौ साल पूरा होने पर एक क्रिकेट वेबसाइट ने धोनी के विजयी छक्के वाली तस्वीर पोस्ट कर लिखा- वह शॉट जिसने करोड़ों लोगों को खुशी से झूमने पर मजबूर कर दिया। इस पर टिप्पणी करते हुए गौतम गंभीर ने लिखा- याद दिला दूं कि यह पूरे भारत और भारतीय क्रिकेट टीम और सपोर्ट स्टाफ की जीत थी। जबकि अक्सर आप लोग सिर्फ सिक्स का ही जिक्र करते हैं।
विश्व कप फाइनल में महेंद्र सिंह धोनी के अलावा गौतम गंभीर ने भी शानदार पारी खेली थी। उन्होंने 2011 के खिताबी मुकाबले में 97 रनों की पारी खेली थी और भारतीय टीम की जीत में अहम योगदान दिया था। इस मैच में धोनी ने नाबाद 91 रन की पारी खेली थी। अपनी इस पारी के बारे में एक बार गंभीर ने कहा था कि वह धोनी की वजह से विश्व कप फाइनल में अपना शतक पूरा नहीं कर सके। जब वह 97 के स्कोर पर पहुंचे तब उनका ध्यान अपने स्कोर पर नहीं, बल्कि लक्ष्य पर था। जब ओवर खत्म हुआ, तब धोनी ने कहा कि शतक में सिर्फ तीन रन बचे हैं। तुम ये तीन रन पूरे कर लो। शतक पूरा हो जाएगा। धोनी के यह बोलते ही उनका ध्यान अपने स्कोर पर गया और वह ज्यादा सावधान हो गए। इसके बाद थिसारा परेरा की गेंद पर एक खराब शॉट खेलकर आउट हो गए। गंभीर ने धोनी पर आरोप लगाया था कि उनकी वजह से ध्यान भंग हो गया था।
गौतम गंभीर के इस ट्वीट के बाद प्रशंसकों ने उन्हें आड़े हाथों लिया और उन्हें ट्रॉल कर दिया। एक ने लिखा कि गौतम गंभीर और विजय माल्या में कोई अंतर नहीं है। ये दोनों किसी को क्रेडिट नहीं देते। एक और प्रशंसक ने गंभीर का मजाक उड़ाते हुए लिखा कि महेंद्र सिंह धोनी को लॉकडाउन का नियम भंग करना चाहिए और दिल्ली आकर मैन ऑफ द मैच ट्रॉफी गंभीर को दे देनी चाहिए। इसी तरह से अन्य कई यूजर्स को भी गंभीर का यह ट्वीट पसंद नहीं आया और उन्होंने उनकी जमकर क्लास लगा दी।