बीच आईपीएल में छोड़ी थी टीम की कमान-
गंभीर ने टीम के खराब प्रदर्शन के बाद बीच में ही अपनी कप्तानी को छोड़ दिया जिसके बाद श्रेयस अय्यर को टीम का नेतृत्व सौंपा गया। टूर्नामेंट में गंभीर खराब कप्तानी ही नहीं बल्कि बेहद निराशाजनक प्रदर्शन के कारण भी आलोचनाओं का शिकार बने और टीम का नेतृत्व बदलते ही दो बार का चैंपियन कप्तान एकादश तक से बाहर हो गया।
अंतिम एकादश में नहीं मिला मौका-
36 वर्षीय क्रिकेटर ने अंग्रेजी दैनिक में लिखे अपने कॉलम में साफ शब्दों में कहा कि आईपीएल-2018 उनके करियर का सबसे निराशाजनक संस्करण रहा है। गंभीर ने लिखा कि कई लोग पूछते हैं कि कप्तानी छोडऩे के बाद मैंने खेला क्यों नहीं, लेकिन मेरा जवाब साफ है कि जब मुझे एकादश में चुना ही नहीं गया तो मैं खेलता कैसे।
रबादा और मौरिस का चोटिल होना अहम-
लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे अनुभवी बल्लेबाज ने कहा कि मुझसे लोग कहते हैं कि मैंने कहां गलती की, जवाब साफ है कि हमारे मुख्य खिलाड़ी कैगिसो रबादा और क्रिस मौरिस चोटिल हो गये, टीम को सही संयोजन नहीं मिला और कुछ खिलाड़ी अच्छा नहीं कर रहे थे। हमारी टीम अहम मौकों पर ही खराब खेल रही थी और दबाव झेलने में सक्षम नहीं थी।
चुनाव लड़ने पर ये बोले गंभीर –
उन्होंने कहा कि मैं हमेशा मानता हूं कि गेंदबाज आपको मैच जितवाते हैं लेकिन हमारे पास अच्छे गेंदबाजों की कमी थी। गंभीर को टूर्नामेंट में केवल छह मैचों में खेलने का मौका मिला। वह कप्तानी से हटने के तुरंत बाद एकादश से भी बाहर कर दिये गये थे। गंभीर ने इन मैचों में 17 के औसत से मात्र 85 रन ही बनाये जिसमें उनकी एक बड़ी पारी 55 रन थी। दिल्ली के गंभीर ने क्रिकेट से संन्यास की अटकलों को भी खारिज किया है। उन्होंने कहा कि कई लोग अटकलें लगा रहे हैं कि मैं क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूं और डीडीसीए के चुनावों लडूंगा। दोनों ही बातें गलत हैं। मैं अब भी अपनी टीमों के लिये खेलना चाहता हूं।