दिल्ली कैपिटल्स के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि हां, हिस्सेदारी खरीदने के मुद्दे पर गौतम गंभीर से चर्चा जारी है, लेकिन इस करार को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। अधिकारी ने कहा कि गंभीर की डीडीसीए में जाने की चर्चा थी और अगर ईमानदारी से कहा जाए तो अब भी है। इस वजह से दिल्ली कैपिटल्स के साथ करार को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। इस सीजन में तो 99.9 प्रतिशत ये नहीं हो रहा है। बाद में होता है तो नहीं कह सकते।
मेंटर बनना भी मुश्किल
मीडिया में ऐसी खबरें भी थी कि गंभीर अगर कैपिटल्स के सह-मालिक नहीं बन पाते तो वह बतौर मेंटर इस टीम के साथ जुड़ सकते है। सौरव गांगुली के बीसीसीआई का अध्यक्ष बन जाने के बाद से यह पद खाली है। लेकिन अधिकारी का कहना है कि अभी ऐसा होता भी नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि हम फिलहाल इस मुद्दे पर नहीं सोच रहे हैं। हमारे पास कोच रिकी पोंटिंग के नेतृत्व में मजबूत सपोर्ट स्टाफ है। साथ ही यह अब भी स्पष्ट नहीं है कि गंभीर बोर्ड में नहीं जा सकते।
इस बीच बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि अगर गंभीर आईपीएल में किसी फ्रेंचाइजी टीम का मेंटर बनते हैं तो वह हितों के टकराव नहीं होगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लेकिन आप यह जानते हैं कि आजकल किस तरह से चीजें हो रही हैं। कुछ लोग ऐसे हैं, जो अटेंशन पाने के लिए लोकपाल को मेल करने की ताक में रहते हैं।