संघर्ष से भरा रहा है विहारी का जीवन बचपन में ही पिता का साया हनुमा विहारी के सर से उठ चुका था। इसके बाद उनकी मां ने उन्हें हर कदम पर सपोर्ट किया। घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बाद जब हनुमा विहारी को भारत से खेलने का मौका मिला तो उनके लिए यह एक भावुकता से भरा क्षण था। विहारी ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया। विहारी ने कहा बिना मां के आशीर्वाद के मैं यहां तक नहीं पहुंच पाता। टीम इंडिया में शामिल होने से पहले हनुमा विहारी का फर्स्ट क्लास क्रिकेट कैरियर काफी लाजवाब रहा उन्होंने 63 फर्स्ट क्लास मैच खेले जिसकी 97 पारियों में लगभग 60 के औसत से 5142 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 15 शतक और 24 अर्धशतक लगाए। इंटरनेशनल कैरियर में हनुमा विहारी ने 12 मैच खेले हैं, जिसकी 21 इनिंग में दो बार नॉटआउट रहते हुए 624 रन बनाए ।उनका सर्वाधिक स्कोर 111 रहा है।