हरभजन के साथी को हुई थी जानलेवा बीमारी
हरमन हैरी ने भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह के साथ 1990 के दसक में पंजाब के लिए अंडर-16 क्रिकेट खेला है। 1998 में हरभजन को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पदार्पण करने का मौका मिल गया लेकिन हैरी ‘ऐज’ क्रिकेट से कभी आगे नहीं बढ़ सके। क्रिकेट में आगे नहीं बढ़ पाने के साथ ही हरमन की आंतों में फीटसूला नाम का इन्फेक्शन भी हो गया, जोकि बहुत ही खतरनाक होता है। इस बीमारी ने हरमन की आंतों को उनकी बाहरी चमड़ी से जोड़ दिया था जिस कारण उनके पेट में छेद भी हो गया था।
भज्जी ने दिखाई दरियादिली
हैरी अपनी जिंदगी से जूझ रहे थे, उनको आंतों में फीटसूला नाम का इन्फेक्शन हो गया था। इसी समय हरभजन को इस बात की जानकारी मिली। हरभजन को हैरी का एक दिन फोन आया और उनको मालूम चला कि उनके पुराने साथी को अपनी जिन्दगी बचाने के लिए पैसों की सहायता की जरुरत है। हरभजन ने कुछ भी सोचे बगैर मदद के लिए हाथ आगे बढ़ा दिया। हरभजन ने बताया “उसने(हरमन) किसी तरह मुझसे संपर्क किया और बताया कि किस तकलीफ से वह गुजर रहा है।” ऑफ स्पिनर ने आगे बताया कि “उसको पैसे की सख्त जरुरत थी, मैंने उससे कहा कि वो सर्जरी करवाए और उससे वादा किया कि मैं सारे मेडिकल खर्चों को देख लूंगा। कोई भी चीज जिन्दगी से ऊपर नहीं है।” हरभजन ने हैरी को अच्छे अस्पताल में इलाज करवाने को कहा।
फरिश्ता बनकर आए हरभजन- हरमन
हर जगह दौड़-भाग कर लेने के बाद, हरमन का इलाज नांगलोई के राठी हॉस्पिटल में हुआ। राठी अस्पताल के मालिक से हरभजन ने बात की और बताया कि वह इलाज का सारा खर्चा उठा रहे हैं। हरभजन सिंह ने अपने पुराने साथी के इलाज में ढाई लाख रुपये खर्च किए। चेन्नई सुपर किंग्स के लिए आईपीएल खेलने में व्यस्त हरभजन ने यह सुनुश्चित किया की हरमन को इलाज में पैसों की कोई कमी न आए। हरमन ने बताया कि मैं जिंदगी भर उनका शुक्रगुजार रहूंगा। उन्होंने यह साबित किया है कि सच्ची दोस्ती क्या होती है। मेरे पास इस वख्त बिलकुल भी पैसे नहीं हैं। मैंने अपने सारे पैसे पिछले एक साल में इलाज में लगा दिए हैं। हरभजन फरिश्ते की तरह आए और मेरी जान बचाई।”
उभर रहे हैं हरमन
हरमन हैरी अब सही हैं और इलाज के बाद उभर रहे हैं। उन्होंने अस्पताल के बगल में ही कमरा ले लिया है जिस कारण उनको अस्पताल आने-जाने में कोई भी तकलीफ नहीं हो। हैरी का कहना है कि हरभजन ने उनकी मदद की, इस बात के लिए वह जिन्दगी भर उनके आभारी रहेंगे। उन्होंने बताया कि उनके पास दवाइयों के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन आशा करते हैं कि जल्द ही यह परेशानी भी सुलझ जाएगी।