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हरमनप्रीत ने खोला राज, मैच के पहले नहीं थीं खेलने की स्थिति में, इसलिए जड़े लम्‍बे-लम्‍बे छक्‍के

भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत ने न्‍यूजीलैंड के खिलाफ 51 गेंदों में नाबाद 103 रन की पारी खेली। इसकी बदौलत भारत ने यह मैच बड़ी आसानी से जीत लिया।

नई दिल्लीNov 10, 2018 / 04:16 pm

Mazkoor

हरमनप्रीत ने खोला राज, मैच के पहले नहीं थीं खेलने की स्थिति में, इसलिए जड़े लम्‍बे-लम्‍बे छक्‍के

विडेंस : क्‍या आपको पता है, महिला टी-20 विश्‍वकप क्रिकेट के अपने पहले ही मैच में शतक लगाने वाली भारतीय क्रिकेट टीम की कप्‍तान हरमनप्रीत सिंह इस स्थिति में नहीं थीं कि वह क्रीज पर समय बिता पातीं, लेकिन न सिर्फ वह क्रीज पर टिकी रहीं, बल्कि टीम के लिए मैच जिताऊ पारी खेल डाली। इतना ही नहीं, उन्‍होंने चौके-छक्‍के की बरसात कर डाली। अपनी परी में आठ-आठ छक्‍के जड़ डाले। लेकिन ऐसा करने के पीछे का कारण बहुत दिलचस्‍प है। इसके कारण का खुलासा करते हुए उन्‍होंने बताया कि वह पेट में जकड़न के कारण दौड़ कर रन नहीं ले पा रही थीं, इसलिए बाउंड्री का सहारा लिया।

बना डाले 51 गेंदों पर बनाए नाबाद 103 रन
बता दें कि विश्‍वकप के पहले मैच में ही भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत ने न्‍यूजीलैंड के खिलाफ 51 गेंदों में नाबाद 103 रन की पारी खेली। इसकी बदौलत भारत ने यह मैच बड़ी आसानी से जीत लिया।
मैच के बाद उन्‍होंने बताया कि मैच वाले दिन सुबह से उनकी पीठ में थोड़ी तकलीफ महसूस हो रही थी। वह अच्छा महसूस नहीं कर रही थी। पीठ में जकड़न थी। उन्‍हें लग रहा था कि वह विश्‍वकप के पहले ही मैच से बाहर हो जाएंगी। इसके बावजूद उन्‍होंने मैच खेलने का निर्णय लिया। जब वह बल्‍लेबाजी करने मैदान पर आई तो खुद को थोड़ा असहज महसूस कर रही थीं। जकड़न के कारण विकेटों के बीच दौड़ में उन्‍हें परेशानी महसूस हो रही थी।

निबटने के लिए बनाई योजना
जब हरमनप्रीत ने देखा कि वह जकड़न से उबर नहीं पर रही हैं और दौड़ने में उन्‍हें परेशानी हो रही है तो उन्‍होंने तत्‍काल निर्णय लिया, लेकिन यह निर्णय मैदान से बाहर जाने का नहीं था। यह फैसला दूसरी योजना पर अमल करने का था। उन्होंने बताया कि जब वह क्रीज पर आई ही थीं तो उन्‍हें दोड़ कर दो रन लेने पड़े। इस दौरान उन्‍हें जकड़न महसूस हुई। तुरत फिजियो को बुलाकर दवा ली तो थोड़ा आराम महसूस हुआ, लेकिन उनकी समझ में आ गया कि सिंगल लेने में न सिर्फ उन्‍हें परेशानी होगी, बल्कि जकड़न और बढ़ती जाएगी। इसलिए सोचा कि ज्यादा दौड़ने से बेहतर है कि बड़े शॉट लगाया जाए। इसके बाद उनके साथ बल्‍लेबाजी कर जेमिमा रोड्रिगेज से कहा कि अगर वह उन्‍हें स्ट्राइक देंगी तो वह सिंगल्‍स के बदले बड़े शॉट लगाने का प्रयास करेंगी और उनका यह प्रयास सफल हुआ। नतीजे में भारत ने इनकी बल्‍लेबाजी की बदौलत न्‍यूजीलैंड को आसानी से 34 रनों से हरा दिया।

नहीं पता था शतक लगाने वाली पहली बल्‍लेबाज हूं
बता दें कि हरमनप्रीत पिछले साल एकदिवसीय विश्व कप में भी शतक लगा चुकी हैं। तब उन्‍होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 171 रनों की पारी खेली थी। कौर ने बताया कि उन्‍हें नहीं पता था कि अंतरराष्‍ट्रीय टी-20 मैच में शतक जड़ने वाली वह देश की पहली महिला खिलाड़ी हैं। उन्‍होंने कहा कि वह यह नहीं सोच रही थी कि कितने रन बना रही हैं, बल्कि उनका पूरा ध्यान इस बात पर था कि जीत दर्ज करने के लिए उन्‍हें और कितने रन बनाने होंगे। न्‍यूजीलैंड की बल्‍लेबाजी में काफी गहराई है। उनके पास सोफी डिवाइन और सूजी बेट्स जैसी बल्‍लेबाज हैं। हमें पता था कि अगर 150 रन के आसपास सिमट गए तो जीतना मुश्किल हो सकता है।

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