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ICC Rules: टीवी अंपायर स्टंपिंग की अपील पर नहीं करेंगे कॉट बिहाइंड का रीव्यू, आईसीसी ने बदला नियम

बदले हुए नियम के अनुसार टीवी अंपायर, स्टंपिंग की अपील पर कॉट बिहाइंड का रीव्यू नहीं करेंगे। अब विकेटकीपर के बेल्स गिराने के बाद अगर टीम कॉट बिहाइंड के लिए रीव्यू लेना चाहती है तब उसे अलग से डीआरएस की अपील करनी होगी।

Jan 05, 2024 / 01:05 pm

Siddharth Rai

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ICC Amends Stumping Concussion Substitute Rules: इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने स्टंपिंग और कन्कशन के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। इन बदलावों के बाद खिलाड़ी नियमों का इस्तेमाल गलत तरीके से फायदा उठाने के लिए नहीं कर पाएंगे। अब टीवी अंपायर, स्टंपिंग की अपील पर कॉट बिहाइंड का रीव्यू नहीं करेंगे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष 12 दिसंबर से प्रभावी हुये नियमों के तहत अब विकेटकीपर के बेल्स गिराने के बाद अगर टीम कॉट बिहाइंड के लिए रीव्यू लेना चाहती है तब उसे अलग से डीआरएस की अपील करनी होगी। दरअसल, पिछले कुछ सालों में स्टंपिंग रिव्यू के नियम का गलत इस्तेमाल हो रहा था। गेंदबाजी करने वाली टीम अपने रिव्यू बचाने के लिए बैटर के साफ तौर पर क्रीज में होने के बावजूद स्टंपिंग कर दे रहे थे। इसके बाद थर्ड अंपायर को मजबूरी में स्टंपिंग के साथ बल्ले से बॉल लगने का रिप्ले भी देखना पड़ता था। अगर कभी बल्ले का किनारा लगता था तो अंपायर को उसे आउट भी करार देना पड़ता था। इस रिप्ले में गेंदबाजी करने वाली टीम के रिव्यू बच जाते थे और उन्हें फायदा भी मिल जाता था, इसलिए ICC ने स्टंपिंग रिप्ले का नियम ही बदल दिया।

2023 की शुरुआत में भारत के खिलाफ सीरीज में कई बार ऐसा हुआ था कि ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर एलेक्स केरी स्टंप की अपील करते और टीवी अंपायर कॉट बिहाइंड को भी रीव्यू करते थे। इसके कारण गेंदबाजी कर रही टीम को रीव्यू लेने की जहमत नहीं उठानी पड़ती थी और अंपायर यह भी चेक करते थे कि गेंद बल्ले से लगकर गई है या नहीं।

हालांकि अब स्टंप की अपील पर टीवी अंपायर केवल साइड ऑन कैमरा का उपयोग करते हुए यह जांचेंगे कि बल्लेबाज स्टंप आउट है या नहीं। आईसीसी ने कनकशन सब्स्टीट्यूशन के नियम के अनुसार अगर खिलाड़ी को गेंदबाजी से रोका गया हो तो उसके स्थानापन्न खिलाड़ी को भी गेंदबाजी करने की अनुमति नहीं मिलेगी। मैदान में घायल हुए खिलाड़ी के परीक्षण या उपचार की समयावधि को भी आईसीसी ने चार मिनट तक सीमित कर दिया है।

नियम में क्या कहा गया?
आईसीसी के नए संशोधन में कहा गया है, “नया नियम स्टंपिंग के रिव्यू को केवल स्टंपिंग की जांच तक ही सीमित रखता है, इसलिए फील्डिंग टीम को रिव्यू के दौरान किसी अन्य तरह से आउटके जांच के लिए मुफ्त में रिव्यू नहीं मिलेंगे।”

बीसीसीआई ने अपने नियम जारी रखेगा
आईसीसी के इन नियमों में बदलाव के साथ बीसीसीआई ने पिछले साल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान लागू किए गए डेड बॉल और प्रति ओवर दो बाउंसर के नियम को शुक्रवार से शुरू होने वाली रणजी ट्रॉफी में भी जारी रखने का फैसला किया है। डेड बॉल नियम के अनुसार, फील्डिंग टीम का कोई सदस्य गलत तरीके से मूवमेंट करता दिखाई देता है तो बैटिंग साइड टीम को पेनल्टी के तौर पर 5 रन दिए जाएंगे। ऐसे में यदि बैटर शॉट मारता था तो वह रन नहीं माने जाते थे। अब वे माने जाएंगे। नए नियम के मुताबिक डेड बॉल पर वाइड और नॉ बॉल हुई तो उसका भी रन होगा। बॉलिंग एंड पर खड़े अंपायर को लेग अंपायर के साथ ही फील्डिंग टीम के कप्तान और बैटर्स को डेड बॉल देने का कारण भी बताना होगा।

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