बहरहाल इस विवाद से आगे बढ़कर टीम इंडिया की नजर जीत पर रहेगी। उसकी कोशिश होगी कि पहले मैच की गलतियों को वह न दोहराए। हालांकि टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका को एकतरफा अंदाज में हराया था। इसके बावजूद भारतीय बल्लेबाजी में दरार दिखी थी। रोहित शर्मा को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाया था और न ही भारतीय बल्लेबाज कोई लंबी साझेदारी निभा पाए थे। इन तीनों के अलावा मध्यक्रम को मजबूती देने की जिम्मेदारी केएल राहुल, महेंद्र सिंह धोनी, केदार जाधव के साथ हार्दिक पांड्या पर भी रहेगी।
भारतीय गेंदबाजों ने दिखाया था दम
टीम इंडिया की गेंदबाजी की बात करें तो सभी गेंदबाजों ने दमदार प्रदर्शन किया था। शुरुआत में जसप्रीत बुमराह ने दो विकेट निकाल कर दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत बिगाड़ दी थी तो स्लॉग ओवरों में भुवनेश्वर कुमार ने दक्षिण अफ्रीका को खुलकर खेलने नहीं दिया था और दो विकेट भी निकाले थे। वहीं मध्य ओवरों में लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने चार विकेट लेकर पूरी अफ्रीकी टीम के मध्यक्रम को ध्वस्त कर दिया था। इस मैच में कुलदीप पर भी नजरें रहेंगी। पहले मैच में उन्होंने गेंदबाजी अच्छी की थी, लेकिन सिर्फ एक ही विकेट ले पाए थे।
विंडीज के खिलाफ उनकी तेज गेंदबाजी के सामने ऑस्ट्रेलिया का शीर्षक्रम पूरी तरह ध्वस्त हो गया था। इसके अलावा जनवरी में ऑस्ट्रेलिया दौरे के समय भुवनेश्वर कुमार ने भी ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एरॉन फिंच को काफी परेशान किया था, लेकिन अब ऑस्ट्रेलिया की टीम वैसी नहीं है। अब उनके स्टार बल्लेबाज डेविड वार्नर और स्टीवन स्मिथ की एक साल के निलंबन के बाद टीम में वापसी हो चुकी है और स्मिथ ने तो विंडीज के खिलाफ दिखा भी दिया कि वह क्या कर सकते हैं। इसके अलावा भारतीय गेंदबाजों के सामने वार्नर का प्रदर्शन हमेशा से बेहतरीन रहा है। इन दोनों को रोकना भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती रहेगी। इनके अलावा उस्मान ख्वाजा, एलेक्स कैरी और ग्लैन मैक्सवेल भी ऐसे बल्लेबाज हैं, जो कभी भी मैच का पासा पलट सकते हैं।
स्टॉर्क और कमिंस खड़ी कर सकते हैं टीम इंडिया के लिए मुसीबतें
अगर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी की बात करें तो भारत को इन-फॉर्म स्टार्क से काफी परेशानी हो सकती है। स्टार्क ने विंडीज के खिलाफ क्रिस गेल, आंद्रे रसेल, कार्लोस ब्रैथवेट और जेसन होल्डर का विकेट लेकर जीत की तरफ बढ़ रही कैरिबियाई टीम से जीत छीन ली थी। इसके अलावा पैट कमिंस भी काफी तेज रफ्तार से गेंदे फेंकते हैं। टीम इंडिया की बल्लेबाजी कैसी होगी, यह इसी पर निर्भर करेगी कि इंग्लैंड के स्विंगिंग कंडिशन में भारतीय बल्लेबाज, खासकर शिखर धवन, रोहित शर्मा और विराट कोहली कैसी बल्लेबाजी करते हैं। अगर ये भारतीय बल्लेबाज इनके शुरुआती स्पेल को निकाल गए तो टीम इंडिया बड़ा स्कोर खड़ा कर सकता है। इन दोनों को साथ देने के लिए लेग स्पिनर एडम जम्पा भी हैं, जिन्होंने पिछली सीरीज में टीम इंडिया के खिलाफ भारत में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उनके ऊपर मध्य ओवरों में आकर रन रोकने और कुछ विकेट चटकाने की जिम्मेदारी होगी।
अगर आंकड़ों की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारत पर काफी भारी नजर आता है, लेकिन अब तक गंगा में काफी पानी बह चुका है और भारतीय टीम काफी बदल चुकी है। इसलिए अब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मामला बराबरी का है।
ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो भारत और ऑस्ट्रेलिया अब तक कुल 135 मैच खेल चुके हैं, जिनमें से 76 मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया को जीत मिली है। वहीं भारत सिर्फ 49 मुकाबलों में जीता है। इन दोनों के बीच 10 मैचों का नतीजा नहीं निकला है।
अगर विश्व कप की बात करें तो भारत और ऑस्ट्रेलिया अब तक कुल 11 बार भिड़ चुके हैं। इनमें से आठ बार जीत ऑस्ट्रेलिया के खाते में गई है तो वहीं मात्र तीन बार जीत भारत को मिली है। इसके अलावा ये दोनों 2003 में एक बार विश्व कप के फाइनल में भी आमने-सामने हो चुके हैं। इस मैच में जीत ऑस्ट्रेलिया के हाथ लगी थी। उसने भारत को 125 रनों से हराया था।
दोनों टीमें (संभावित) :
भारत : विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, शिखर धवन, लोकेश राहुल, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), केदार जाधव, विजय शंकर, दिनेश कार्तिक, हार्दिक पांड्या, भुवनेश्वर कुमार, रविंद्र जडेजा, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव।
ऑस्ट्रेलिया : एरॉन फिंच (कप्तान), डेविड वार्नर, एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), उस्मान ख्वाजा, स्टीव स्मिथ, नाथन कूल्टर नाइल, शॉन मार्श, ग्लैन मैक्सवेल, पैट कमिंस, नाथन लॉयन, केन रिचर्डसन, मिशेल स्टार्क, मार्कस स्टोइनिस, जेसन बेहरनडार्फ और एडम जाम्पा।