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सलमान खुर्शीद के इस बयान से पीसीबी की हालत ख़राब, बीसीसीआई का पक्ष मजबूत

locationनई दिल्लीPublished: Oct 03, 2018 03:47:52 pm

Submitted by:

Siddharth Rai

साल 2008 में मुंबई हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान जाकर सीरीज खेलने से मन कर दिया था जिसके बाद पाकिस्तान ने बीसीसीआई पर आरोप लगाए थे कि द्विपक्षीय सीरीज नहीं होने कि वजह से उन्हें काफी नुक्सान हुआ है और बीसीसीआई मुआवजा देकर इसकी भरपाई करे। इस मामले को लेकर आइसीसी निवारण समिति के समक्ष सुनवाई चल रही है, जिसमें भारत के पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने बीसीसीआई के रवैये को सही ठहराया है।

BCCI vs PCB

सलमान खुर्शीद के इस बयान से पीसीबी कि हालत ख़राब, बीसीसीआई का पक्ष मजबूत

नई दिल्ली। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के बीच जारी विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा। साल 2008 में मुंबई हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान जाकर सीरीज खेलने से मन कर दिया था जिसके बाद पाकिस्तान ने बीसीसीआई पर आरोप लगाए थे कि द्विपक्षीय सीरीज नहीं होने कि वजह से उन्हें काफी नुक्सान हुआ है और बीसीसीआई मुआवजा देकर इसकी भरपाई करे। इस मामले को लेकर आइसीसी निवारण समिति के समक्ष सुनवाई चल रही है, जिसमें भारत के पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने बीसीसीआई के रवैये को सही ठहराया है।

पाकिस्तान ने मांगे करीब 500 करोड़ –
जी हां! खुर्शीद ने मंगलवार को बीसीसीआई द्वारा पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट खेलने से इन्कार को सही ठहराया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) इस मुद्दे पर बीसीसीआइ से लगभग 500 करोड़ रूपए मुआवजे के तौर पर मांगे हैं। दरअसल भारत को 2015 से 2023 के बीच द्विपक्षीय सीरीज खेलने थे जिस से भारत ने इंकार कर दिया है ऐसे में भारत को पीसीबी को सात करोड़ डॉलर (लगभग 500 करोड़ रुपये) का मुआवजा देना होगा। भारत इतनी बड़ी रकम पाकिस्तान को देगा या नहीं इस फैसला सोमवार को शुरू हुई इस सुनवाई से तय होगा। इस मामले में बीसीसीआई के एक अधिकारी ने अदालत में खुर्शीद के बयान का हवाला देते हुए कहा, ‘खुर्शीद की मौजूदगी से पीसीबी हैरान रह गया। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि पूर्व विदेश मंत्री जिरह के लिए आएंगे। वह कानून के विशेषज्ञ भी हैं। उन्होंने यूपीए का पक्ष रखते हुए कहा कि भारत ने 2008 के मुंबई हमले के बाद से पाकिस्तान का दौरा क्यों नहीं किया।’ खुर्शीद उस समय भारत के विदेश मंत्री थे। बीसीसीआई ने उन्हें मंगलवार को बचाव पक्ष के प्रमुख गवाह के रूप में पेश किया।

खिलाड़ियों की जान को था खतरा
जिरह के दौरान खुर्शीद ने समिति को बताया कि “सरकार ने अपने खिलाड़ियों की जान की चिंता करते हुए दुनिया भर की खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट कि आधार पर पाकिस्तान नहीं भेजा। उन रिपोर्ट्स कि मुताबिक हमारे खिलाड़ियों की जान को खतरा था। आतंकी हमले के बाद भारतीय क्रिकेट टीम को पाकिस्तान भेजना नामुमकिन था।” सुनवाई के दौरान आइपीएल के पूर्व सीईओ सुंदर रमन, बीसीसीआई के पूर्व महाप्रबंधक प्रोफेसर रत्नाकर शेट्टी, आइसीसी के मौजूदा अध्यक्ष शशांक मनोहर और बीसीसीआई के पूर्व सचिव संजय पटेल से भी पूछताछ की जाएगी।

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