राजनीतिक विरोध का मंच नहीं बनने देंगे
आईसीसी ने कहा कि वह विश्व कप को राजनीतिक विरोध का मंच नहीं बनने देना चाहते हैं। इसलिए उसने इस तरह के इस्तेमाल को रोकने के लिए पूरे टूर्नामेंट के दौरान स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर काम किया। आईसीसी ने कहा कि वह संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर लॉर्ड्स स्टेडियम के आसपास के क्षेत्र को नो फ्लाइंग जोन घोषित करने पर काम कर रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि फाइनल के दौरान मानवयुक्त और मानव रहित उड़ानों को रोका जा सके।
एजबेस्टन क्रिकेट मैदान पर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेले गए दूसरे सेमीफाइनल मैच के दौरान स्टेडियम के ऊपर से एक विमान गुजरा था। इस विमान पर टंगे बैनर पर लिखा था कि विश्व को बलूचिस्तान के लिए आवाज उठानी चाहिए।
इस विश्व कप में घटी यह पहली घटना नहीं थी। क्रिकेट के महाकुंभ में कई बार ऐसे राजनीतिक संदेश देखने को मिले। इससे पहले पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच खेले गए मैच के दौरान भी स्टेडियम के ऊपर से गुजरे विमान पर बलूचिस्तान के पक्ष में नारा लिखा था। इसके बाद हेडिंग्ले में भारत और श्रीलंका के बीच खेले गए मैच में तो हद ही हो गई थी। विवादित बैनरों के साथ एक-एक कर चार हवाई जहाज मैदान के ऊपर से गुजरे थे। इन पर कश्मीर को लेकर राजनीतिक नारेबाजियां लिखी थीं।
आईसीसी ने कुछ लोगों को स्टेडियम से बाहर भी किया था
बता दें कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच ओल्ड ट्रेफर्ड में खेले गए पहले सेमीफाइनल मैच में चार सिख लोग राजनीतिक संदेश लिखे टी-शर्ट पहनकर स्टेडियम में आ गए थे। आईसीसी के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन ने उन्हें स्टेडियम से बाहर निकाल दिया था। आईसीसी ने बयान जारी कर इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि उन्होंने ओल्ड ट्रेफर्ड मैदान पर कुछ लोगों को इसलिए बाहर निकाल दिया था, क्योंकि उन्होंने टिकट नियमों का उल्लंघन किया था। वह राजनीतिक संदेश फैलाने की कोशिश कर रहे थे।
बीसीसीआई ने हेडिंग्ले की घटना को काफी गंभीरता से लिया था। उसने आईसीसी को एक ईमेल लिखकर अपनी चिंता जताई थी और इन घटनाओं पर लगाम लगाने के साथ भारतीय क्रिकेटर तथा टीम इंडिया के प्रशंसकों की सुरक्षा इंतजामात को पुख्ता करने की भी मांग की थी। इस पर आईसीसी के महानिदेशक स्टीव एलवर्थी ने बीसीसीआई को आश्वासन दिया था कि वह इन घटनाओं को रोकने का हरसंभव उपाय करेंगे।