वर्ल्ड कप फाइनल के नतीजे से सचिन भी नाखुश, बोले- एक और सुपर ओवर कराया जा सकता था
ICC ने विवाद से किया किनारा
आईसीसी ने इस विवाद से किनारा कर लिया है। आईसीसी प्रवक्ता का कहना है कि ऑन फील्ड अंपायर नियमों की व्याख्या के साथ मैदान पर ही अंतिम निर्णय लेते हैं। उनके फैसलों पर बाद में आईसीसी कोई टिप्पणी नहीं करता है। ऐसे में अंपायरों ने जो फैसला दे दिया, उसे लेकर विवाद करना फिजूल है।
क्या है विवाद
दरअसल, फाइनल मैच में इंग्लैंड की बल्लेबाजी के 50वें ओवर के दौरान एक गजब का ड्रामा देखने को मिला। हुआ कुछ यूं कि ट्रेंट बोल्ट की गेंद पर बेन स्टोक्स ने डीप मिडविकेट पर शॉट खेला और स्टोक्स एक रन पूरा करने के बाद दूसरे रन के लिए दौड़ पड़े। इसी दौरान बाउंड्री पर खड़े मार्टिन गुप्टिल ने तेजी से विकेटकीपर के पास थ्रो किया, लेकिन इस दौरान गेंद बेन स्टोक्स के हाथ पर लगकर सीमा रेखा के पार चौके के लिए चली गई। इस स्थिति में अंपायर इंग्लैंड को 6 रन दे दिए, जिसकी वजह से स्कोर बराबर हो गए और मैच सुपर ओवर में चला गया।
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अंपायर साइमन टॉफेल ने कही 5 रन देने की बात
अब विवाद इस बात पर हुआ कि अंपायर द्वारा इंग्लैंड को 6 नहीं बल्कि 5 रन देने चाहिए थे। खुद आईसीसी के अंपायर साइमन टॉफेल ने एक इंटरव्यू में इस बात को कहा कि उस वक्त मैदान पर अंपायर से गलती हुई थी। साइमन टॉफेल ने आईसीसी की नियम पुस्तिका के नियम 19.8 का हवाला देते ये बात कही थी। अगर इंग्लैंड को उस समय 5 रन दिए जाते, तो बेन स्टोक्स की जगह आदिल राशिद स्ट्राइक पर होते और इंग्लैंड को उस समय 2 गेंदों में 4 रनों की जरुरत होती। हालांकि फील्ड अंपायर कुमार धर्मसेना ने अपने साथी अंपायर से चर्चा के बाद ही इंग्लैंड को 6 रन दिए थे। वैसे नियम को अगर देखा जाए तो इंग्लैंड को उस वक्त 6 की बजाए 5 रन ही मिलने चाहिए थे।
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फाइनल मैच में सुपर ओवर में भी दोनों टीमों के स्कोर बराबर रहे थे, जिसके बाद सबसे ज्यादा बाउंड्री मारने वाली टीम को विजेता घोषित कर दिया गया था। ऐसे में इस नियम को लेकर भी विवाद हो रहा है। न्यूजीलैंड की टीम ने हर मोर्चे पर इंग्लैंड को कड़ी टक्कर दी थी।