50 से अधिक मामले भारत से जुड़े हैं
एक अंग्रेजी मीडिया के अनुसार आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के के अधिकारी रिचर्डसन (Richardson) के अनुसार, उनकी टीम फिलहाल भ्रष्टाचार से जुड़े जिन मामलों की जांच कर रही है, उनमें से करीब 50 मामले तो भारत से जुड़े हैं। रिचर्डसन के अनुसार, हालांकि अब तक इस मामले में किसी खिलाड़ी का नाम सामने नहीं आया है। उन्होंने बताया कि खिलाड़ी चेन का आखिरी हिस्सा होते हैं। उन्होंने कहा कि परेशानी यह है कि जो लोग सच में इससे जुड़े होते हैं, वह मैदान के बाहर बैठते हैं। उन्होंने कहा कि वह भारतीय सरकारी एजेंसियों को ऐसे आठ नाम दे सकते हैं, जो खिलाड़ियों को पैसा देकर उन्हें फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।
पिछले साल केपीएल में हुई थी फिक्सिंग
पिछले साल कर्नाटक प्रीमियर लीग (KPL) में कई लोगों पर फिक्सिंग के आरोप लगे थे। इनमें खिलाड़ियों के साथ-साथ टीम मालिक के नाम भी शामिल थे। इन लोगों के खिलाफ जांच के लिए चार्जशीट भी दायर की जा चुकी है। बीसीसीआई के एसीयू के अध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि गैर-कानूनी सट्टेबाजी से पैसा कमाने के लिए यह सब किया जाता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सटोरिये टीम अधिकारी, मालिक, स्पोर्ट स्टाफ और खिलाड़ियों से संपर्क करते हैं।
आईसीसी ने कहा कि भारत में फिक्सिंग की स्थिति में तब तक सुधार नहीं आएगा, जब तक यहां फिक्सिंग को कानूनन अपराध घोषित नहीं किया जाता। रिचर्डसन ने कहा कि मैच फिक्सिंग के खिलाफ कानून लाने वाला पहला देश श्रीलंका था, इसलिए वहां क्रिकेट सुरक्षित हैं। ऑस्ट्रेलिया में भी चीजे काफी बेहतर हैं, लेकिन भारत में ऐसा कोई कानून नहीं होने के कारण बीसीसीआई वहां खुलकर कुछ नहीं कर पाती। रिचर्डसन के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के कानून के मुताबिक, बड़े टूर्नामेंट से पहले वह किसी को भी अपने देश में आने से रोक सकते हैं।
बता दें कि भारत में 2021 टी-20 विश्व कप और 2023 एकदिवसीय विश्व कप होने वाला है। ऐसे में कानून में बदलाव से क्रिकेट पर काफी बड़ा फर्क हो सकता है।