एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर-
अब आप सोच रहे होंगे कि ओसामा बिन लादेन, एब्टाबाद और आईसीसी में कौन सा रिश्ता है? आखिर आईसीसी ने ऐब्टाबाद की तस्वीर को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल क्यों जगह दी? ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। आगे आप इस पूरी खिचड़ी की कहानी जानेंगे। चीन की एक कहावत है – एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होता है। आप एक तस्वीर से जितना माजरा समझ पाएंगे, उतना शायद हजारों शब्दों की कहानी से भी नहीं। इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए आईसीसी ने ऐब्टाबाद की एक मोहक तस्वीर अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट की।
आईसीसी और ऐब्टाबाद में क्या रिश्ता?
यह रिश्ता क्रिकेट का है, यह रिश्ता खूबसूरती का है, यह रिश्ता दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जिजीविषा का है। यह रिश्ता पहाड़ी इलाकों में रहने वाले करोड़ों लोगों के संघर्ष का है। आप जानते हैं कि मैदानी इलाके से इतर पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का जीवन बड़ा कष्टकारी होता है। पहाड़ी इलाकों में जीवन जीने के लिए जरूरी संसाधन नहीं होते। फिर भी करोड़ों लोग दुनिया के अलग-अलग पहाड़ी क्षेत्रों में रह रहे हैं।
ऐब्टाबाद दुर्गम पहाड़ी इलाका है-
ऐब्टाबाद पाकिस्तान के खैबर-पख़्तूनख्वा राज्य के हजारा क्षेत्र में स्थित एक शहर है। इसकी दूरी पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से 50 किलोमीटर जबकि पेशावर से 150 किलोमीटर है। ओराश घाटी में 4120 फुट की ऊँचाई पर बसा यह शहर सैलानियों की आवाजाही के लिए जाना जाता है। फिर भी इस शहर के कई हिस्से ऐसे हैं, जहां आम लोगों का आना-जाना काफी मुश्किल है।
ओसामा ने बनाया था अपना ठिकाना-
दुर्गम पहाड़ी इलाका होने के कारण ही ओसामा बिन लादेन ने ऐब्टाबाद को अपना ठिकाना बनाया था। कई मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि ओसामा को पाकिस्तान की सेना का सपोर्ट था। खैर लादेन के मौत की कहानी आप कई बार पढ़े और सुने होंगे। यहां आईसीसी की ट्वीट पर वापस लौटते है। आईसीसी क्रिकेट को बढ़ावा देने के मकसद से पहले ही कई बार क्रिकेट खेलने की प्यारी तस्वीरों को शेयर किया है। एब्टाबाद की तस्वीर शेयर करने के पीछे भी यह तर्क था।
ये है इस तस्वीर को पोस्ट करने की वजह-
आईसीसी ने इस तस्वीर का कैप्शन देते हुए यह बताया कि ऐब्टाबाद की यह अद्भुत तस्वीर चमनका गांव के मुबशीर जदून नामक क्रिकेट प्रशंसक ने भेजी है। बताते चले कि आईसीसी Fan of the Week नाम से एक कैंपेन चलाती है। इसमें दुनिया के अलग-अलग हिस्सों के क्रिकेट फैंन क्रिकेट खेलने की मनमोहक तस्वीरें भेजते है। सारगर्भित संदेश से भरी जिस तस्वीर को ज्यूरी तय करती है, उसे आईसीसी अपने ट्विटर अकांउट पर भी जगह देती है।