विश्व कप के पहले मैच में भारत का मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से भारत का ये विश्व कप में पहला मैच है। वहीं दक्षिण अफ्रीका अपना तीसरा मैच खेल रही है। विश्व कप के पहले ही मैच में भारत ने दक्षिण अफ्रीका की हालत खराब कर दी है। शुरुआत के 10 ओवर में दक्षिण अफ्रीका की टीम सिर्फ 40 रन ही बना पाई थी और 2 विकेट भी खो दिए थे।
इस बार का विश्व कप तकनीकी बदलावों से लैस आपको बता दें कि इस बार का विश्व कप कई तकनीकी बदलावों के साथ आयोजित हुआ है। इस बार तकनीक को लेकर तो कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं।
आइए आपको बताते हैं इस बार वर्ल्ड कप में आपको क्या कुछ नया किया गया है। पहली बार सभी वॉर्मअप मैचों का हुआ लाइव प्रसारण आपको बता दें कि वर्ल्ड कप के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि अभ्यास मैचों का भी लाइव प्रसारण किया गया। इसके पीछे आईसीसी की मंशा यही है कि ज्यादा से ज्यादा लोग शुरू से ही वर्ल्ड कप का हिस्सा बन जाएं।
पहली बार अफगानिस्तान में हो रहा है वर्ल्ड कप का लाइव प्रसारण- इस बार वर्ल्ड कप मैचों का प्रसारण 200 से अधिक देशों में होगा। खासकर अफगानिस्तान में तो पहली बार क्रिकेट फैंस लाइव मैचों का लुत्फ उठा सकेंगे।
पहली बार सात भाषाओं में प्रसारित हो रहा है वर्ल्ड कप अधिक से अधिक दर्शकों को जोड़ने और वर्ल्ड कप का दायरा बढ़ाने के लिए इस बार वर्ल्ड कप मैच सात भाषाओं में प्रसारित हो रहे हैं। भारत में वर्ल्ड कप मैच अंग्रेजी भाषा के अलावा हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मराठी और बांग्ला में प्रसारित किया जाएगा।
360 डिग्री रिप्ले के साथ बेहतरी व्यू पहली बार कवरेज के लिए स्पाइडरकैम का इस्तेमाल किया जा रहा है। हर मैच के कवरेज के लिए 32 कैमरे मैदान पर तैनात होते हैं। आठ अल्ट्रा-मोशन हॉक-आई कैमरे के अलावा फ्रंट और रिवर्स व्यूस्टंप कैमरे का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा पहली बार 360 डिग्री रिप्ले भी मैचों में दिखाया जा रहा है। साथ ड्रोन का भी उपयोग विश्व कप के मैचों में किया जा रहा है
जर्सी के अंदर ट्रैकर पहनेंगे खिलाड़ी- वर्ल्ड कप के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब क्रिकेटर्स जर्सी के अंदर ट्रैकर डिवाइस (वेस्ट) पहनेंगे। इस ट्रैकर डिवाइस का फायदा ये होगा कि इसके जरिए खिलाड़ियों के मूवमेंट को मॉनीटर करने में मदद मिलेगी। इस ट्रैकर डिवाइस की मदद से फिजियो और ट्रेनर यह जान सकेंगे कि किस खिलाड़ी को आराम की जरूरत है और कौन इंजर्ड हुआ है। वर्ल्ड कप में विराट कोहली ( Virat Kohli ) की कप्तानी वाली टीम इंडिया ( Team India ) और श्रीलंका के अलावा अन्य दो और देशों कि टीमें इसका इस्तेमाल करेंगी। अब तक फुटबॉलर्स ही इस तकनीक का प्रयोग करते आए हैं।