दरअसल भारत की पहली पारी के आठवें ओवर में ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड ने सटीक लाइन लेंथ पर गेंदबाजी करते हुए राहुल को कैच आउट कर दिया। बोलैंड की गेंद राहुल के बल्ले का किनारा लेते हुए विकेटकीपर एलेक्स कैरी के दस्तानों में गई। बोलैंड ने अपील की और मैदानी अंपायर ने कैच आउट करार दिया। जिसके बाद राहुल पवेलियन लौटन लगे। वह तब खाता भी नहीं खोल सके थे।
राहुल को वापस आते देख विराट क्रीज़ की तरफ बढ़े, लेकिन तभी अंपायरों ने उन्हें रोक दिया। तीसरे अंपायर ने पाया की बोलैंड ने यह गेंद क्रीज़ के बाहर से फेंकी थी और इसे नो बॉल करार दिया गया। इस तरह राहुल को जीवनदान मिला। बाद में रीप्ले में देखा गया कि गेंद बल्ले से नहीं लगी थी इसके बावजूद राहुल पवेलियन की ओर जा रहे थे। कमेंटेटर ने कहा कि स्नीकोमीटर पर कोई हलचल नहीं दिखी और न ही उन्होंने डीआरएस लेने के बारे में सोचा भी। स्नीकोमीटर पर फ्लैट लाइन दिखी। बाउंड्री लाइन पर ख़ड़े विराट को फिर वापस लौटना पड़ा। राहुल का डीआरएस नहीं लेना भी चौंकाने वाला था।
इसके थोड़ी देर बाद राहुल को एक और जीवनदान मिला। इसी ओवर की पांचवीं गेंद राहुल के बल्ले को छूती हुई स्लिप में उस्मान ख्वाजा के पास गई। हालांकि, ख्वाजा ने दाईं ओर डाइव लगाकर कैच लेने की कोशिश की, लेकिन गेंद उनके हाथों से छिटक गई। इस तरह राहुल को पांच गेंदों के अंदर दो जीवनदान मिले। दो-दो जीवनदान मिलने के बाद राहुल ने अच्छी बल्लेबाजी की और कुछ बेहतरीन शॉट्स लगाए। लेकिन 19वें ओवर में स्टार्क ने उन्हें मैकस्वीनी के हाथों कैच कराया। वह 37 रन बना सके। शुभमन के साथ दूसरे विकेट के लिए राहुल ने 69 रन की साझेदारी की।
मैच की बात करे तो भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने फिर एक बड़ी गलती की और ओवरकास्ट कंडीशन में पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। जिसका खामियाजा भारत को भुगतना पड़ा है और पहले दिन चायकाल तक भारत ने मात्र 82 रन पर चार विकेट खो दिये हैं। फिलहाल ऋषभ पंत चार रन और कप्तान रोहित शर्मा एक रन बनाकर क्रीज पर हैं।