अजिंक्य रहाणे की कप्तानी-
अजिंक्य रहाणे इस मैच में भारत की कप्तानी कर रहे हैं। मेजबान जानते हैं कि हालिया दौर में अफगानिस्तान के खिलाड़ियों ने जो प्रदर्शन दिखाया उससे वो उलटफेर कर सकते हैं। इसलिए भारत किसी भी लिहाज से उसे हल्के में नहीं लेगा। यह मैच एक तरह से भारतीय बल्लेबाजी और अफगानिस्तान के स्पिन आक्रामण के बीच की जंग है। अफगानिस्तान ने इस मैच में राशिद खान, मुजीब उर रहमान, जहीर खान और हमजा कोटक की स्पिन चौकड़ी को टीम में चुना है। इन चारों के अलावा मोहम्मद नबी पांचवें स्पिनर हैं।
कार्तिक और नायर की वापसी पर टिकी होगी नजरे-
रहाणे के सामने इस मैच में कोहली की गैरमौजूदगी में टीम के मध्यक्रम को मजबूत करने की जिम्मेदारी होगी। उन्हें अंतिम एकादश में उन खिलाड़ियों को चुनना होगा जो मध्य क्रम में कोहली की कमी को महसूस नहीं होने दें और अफगानिस्तान के स्पिन खतरे से निपट सकें। करुण नायर की टीम में वापसी हुई है और उम्मीद है कि वह अंतिम एकादश का हिस्सा होंगे। नायर इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में तिहरे शतक लगाने के बाद से फार्म से जूझ रहे थे और इसलिए टीम से बाहर चले गए थे। यह मैच नायर को एक और मौका देगा। वहीं विकेटकीपर रिद्धिमान साहा के स्थान पर टीम में आठ साल बाद दिनेश कार्तिक की वापसी हुई है। सीनियर होने के नाते उन पर भी बड़ी जिम्मेदारी है लेकिन इतने दिनों तक टेस्ट क्रिकेट न खेलना उन्हें चुनौती दे सकता है। चेतेश्वर पुजारा भी टीम को मजबूती प्रदान करेंगे।
सलामी जोड़ी का चुनाव चुनौतीपूर्ण-
रहाणे के सामने समस्या सलामी जोड़ी का चुनाव करने की है। टीम के तीनों सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल, शिखर धवन और मुरली विजय हैं। अभी तक इन तीनों में से एक या तो फिट नहीं होता था या किसी कारणवश टीम में नहीं होता था, तो यह समस्य सामने नहीं आई थी। लेकिन, अब जब तीनों मौजूद हैं तो किसका चुनाव किया जाए, यह मुश्किल आएगी। राहुल ने हाल ही में आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया है। विजय आईपीएल में सिर्फ एक मैच ही खेले थे। धवन का बल्ला भी आईपीएल में चला था। रहाणे, राहुल या विजय को तीसरे नंबर पर भेज टीम के मध्यक्रम को मजबूत भी कर सकते हैं। निचले क्रम में रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन बल्ले से योगदान देने में सक्षम हैं।
उमेश यादव रचेंगे इतिहास-
गेंदबाजी में उमेश यादव का खेलना तय है। उमेश के पास इस मैच में बड़ा इतिहास रचने का मौका होगा। वो अपने 100 टेस्ट विकेट से महज एक विकेट की दूरी पर है। रहाणे दूसरे तेज गेंदबाज के तौर पर ईशांत शर्मा, शार्दूल ठाकुर और नवदीप सैनी में किसी को मौका दे सकते हैं। हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पांड्या तीसरे तेज गेंदबाज की भूमिका निभा सकते हैं। अगर रहाणे ने तीन स्पिन गेंदबाजों की सोच रखी हो तो पांड्या के स्थान पर कुलदीप यादव को मौका मिल सकता है या पांड्या दूसरे गेंदबाज के तौर पर भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
गेंदबाजी है अफगान की ताकत –
अफगानिस्तान की ताकत उसकी स्पिन गेंदबाजी है। यह बात उनके कप्तान असगर स्टानिकजाई भी जानते हैं। हाल ही में उन्होंने कहा भी था कि उनके पास भारत से अच्छे स्पिनर हैं। राशिद, मुजीब ने आईपीएल और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने फिरकी में अच्छे-अच्छे को फंसाया है। अब, भारतीय बल्लेबाज टेस्ट में उनके चंगुल में आते हैं या नहीं, यह देखना होगा।
बल्लेबाजी सबसे बड़ी चिंता –
स्टानिकजाई के बयान से लगभग तय लग रहा है कि अफगानिस्तान की टीम तीन स्पिनरों के साथ उतरेगी और यमिन अहमदजाई तथा सैयद शिरजाद पर टीम के तेज गेंजबाजी आक्रमण की जिम्मेदारी होगी। बल्लेबाजी मेहमान टीम की सबसे बड़ी चिंता है। यहां कप्तान के बूते काफी कुछ निर्भर है। वहीं विकेटकीपर मोहम्मद शहजाद उनके साथ अच्छी भूमिका निभा सकते हैं।
66 साल बाद होगा ऐसा-
कल के मैच के साथ ये भारतीय क्रिकेट इतिहास में 66 साल बाद कोई देश अपना टेस्ट डेब्यू करेगा। बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ दिल्ली में साल 1952 में अपना टेस्ट डेब्यू किया था। इसके बाद भारत ने बांग्लादेश औऱ जिम्बाब्वे के खिलाफ टेस्ट डेब्यू मुकाबलों में भाग लिया। लेकिन इन दोनों देशों के बीच मैच उनके घरेलू मैदान में खेला गया था।
संभावित टीम इस प्रकार है-
भारत : अजिंक्य रहाणे (कप्तान), लोकेश राहुल, शिखर धवन, मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, करुण नायर, दिनेश कार्तिक (विकेटकीपर), रवींद्र जडेजा, रवींचन्द्रन अश्विन, कुलदीप यादव, हार्दिक पांड्या, ईशांत शर्मा, शार्दूल ठाकुर, उमेश यादव और नवदीप सैनी।
अफगानिस्तान : असगर स्टानिकजाई (कप्तान), अफसर जलाल, आमिर हमजा, हस्तामुल्लाह शाहिदी, ईशानुल्लाह, जावेद अहमदी, मोहम्मद नबी, मोहम्मद शहजाद (विकेटकीपर), मुजीब उर रहमान, नासिर जमाल, रहमत शाह, राशिद खान, सैयद शिरजाद, वफादार, यामिन अमहदजई, जहीर खान।