कुंबले और राशिद हैं इनके हीरो
जैसे ही उसने अफगानिस्तान के बल्लेबाजों को गेंदबाजी की, सभी बल्लेबाज इस दिव्यांग की गूगली देख चौक गए। 18 साल के शंकर सज्जन, जोकि कर्नाटक के बीजापुर से आते हैं अपनी तारीफों से काफी खुश थे। ट्रेनिंग सेशन के खत्म होने के बाद उन्होंने बताया कि “अनिल कुंबले और राशिद खान मेरे हीरो हैं। मैं दोनों को ही पसंद करता हूं।” बता दें कि शंकर ने अपनी मां को कम उम्र में ही खो दिया था और उनको जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ा है।
इस तरह हुई थी कुंबले से मुलाकात
छः साल पहले जब शंकर बीजापुर के अम्बेडकर स्टेडियम के लोकल क्रिकेट क्लब में दाखिले के लिए गए थे, तब कोच ने उनसे खुले शब्दों में कह दिया था कि अगर वह अच्छी गेंदबाजी करेंगे तभी उनका चयन होगा। शंकर ने बताया कि उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की और टेस्ट को पास किया, इसके चलते कोच ने उन्हें टीम में ले लिया। कुंबले से कैसे मिले के सवाल पर उन्होंने बताया कि “मैंने एक प्रचार में देखा और मैंने अपना बायोडाटा उनको मेल कर दिया। उन्होंने मुझे कॉल करके बैंगलोर आने को कहा। इसी तरह मेरी उनसे मुलाकात हुई।”
नबी ने थपथपाई पीठ
शंकर ने बताया कि उनके चाचा शरण ने मुश्किल समय में उनकी काफी मदद की। शंकर का मानना है कि अगर वह इतनी दूर आ सकते हैं तो भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्यों नहीं। अफगानिस्तान के खिलाफ प्रैक्टिस के बाद, अफगानिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी मोहम्मद नबी ने उनकी पीठ थपथपाते हुए कहा कि वह बड़े सपने देखें। शंकर भले ही शारीरिक रूप से अपंग हों लेकिन वह सपने बड़े रखते हैं। वह आने वाले समय में भारत की जर्सी में खेलना चाहते हैं।