इस सीरीज का पहला मुक़ाबला मुंबई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम में खेला गया था। जहां भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन से नाराज़ फैंस ने स्टेडियम में आग लगा दी थी और दंगे जैसे हालत पैदा हो गए थे। ब्रेबॉर्न में खेले गए इस मैच में पहली पारी तक तो सब ठीक था लेकिन दूसरी पारी में जब भारतीय टीम बल्लेबाजी कर रही थी। तब अचानक विवाद शुरू हो गया और स्टेडियम में दंगे जैसे हालत पैदा हो गए।
4 नवंबर को ब्रेबॉन में सीरीज का पहला टेस्ट मैच शुरू हुआ। इस मैच में भारत ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया। भारत ने पहली पारी में सभी विकेट खोकर 271 रन बनाए। टीम के लिए कप्तान मंसूर अली खान पटौदी ने 95 और अशोक मंकड ने 74 रनों की पारी खेली। वहीं ऑस्ट्रेलिया के लिए ग्राहम मैकेंज़ी ने पांच विकेट झटके।
इसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने कीथ स्टैकपोल के बेहतरीन शतक की मदद से 345 रन बनाए। स्टैकपोल ने 103 और इयान रेडपाथ ने रनों की पारी खेली। भारत के लिए एरापल्ली प्रसन्ना ने पांच विकेट झटके। भारत दूसरी पारी में 74 रन से पिछड़ रहा था। दूसरी पारी में बल्लेबाजी करना आसान नहीं था और भारतीय पारी लड़खड़ा गई। भारत ने पहले 7 विकेट मात्र 89 रन पर खो दिये। जैसे ही भारतीय पारी का आठवां विकेट गिरा, भारतीय फैन्स ने हल्ला करना शुरू कर दिया और ये शोर कुछ देर में ही बवाल में बदल गया। 114 के स्कोर पर कैसे ही श्रीनिवास वेंकटराघवन आउट हुए फैंस अपना आपा खो बैठे।
फैन्स बाउंड्री पार करके मैदान में घुस आए। खिलाड़ियों को बचाने के लिए पुलिसवाले भी मैदान में घुस गए। तभी कुछ फैंस ने स्टैंड्स में आग लगा दी। पुलिस ने जैसे तैसे माहौल पर काबू पाया और उपद्रवियों को मैदान से बाहर किया। अंत में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 137 के स्कोर पर ऑलआउट कर दिया। जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने दो विकेट खोकर 67 रनों के मामूली लक्ष्य को पार लिया।