कोहली का 33वां शतक
इस मैच में एक अजब संयोग यह बना कि दोनों कप्तानों ने शतकीय पारी खेली। हालांकि कोहली का शतक भारत को जीत दिलाने में सफल रहा। कोहली ने 119 गेंदों का सामना करते हुए 112 रनों की पारी खेली। यह कोहली का एकदिवसीय क्रिकेट में 33वां शतक है। इस जीत के साथ ही भारत ने डरबन में पहली जीत भी हासिल की। बता दें कि डरबन में भारत ने अबतक 7 मैच खेले थे। जिसमें 6 में हार का सामना करना पड़ा था, जबकि एक मैच ड्रा रहा था।
अफ्रीका ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी की
मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी मेजबान टीम ने निर्धारित 50 ओवर में आठ विकेट के नुकसान पर 269 रनों का स्कोर खड़ा किया। मेजबान टीम की ओर से सबसे ज्यादा रन कप्तान फाफ डू प्लेसी के बल्ले से निकली। प्लेसी ने शानदार 120 रनों की पारी खेली। जबकि भारत की ओर से कुलदीप यादव ने सबसे सफल रहे। कुलदीप ने तीन बल्लेबाजों को आउट करने में कामयाबी पाई।
फाफ डू प्लेसी की कप्तानी पारी
भारतीय स्पिनरों की घुमती गेंदों पर अफ्रीका के बल्लेबाज नियमित अंतराल पर अपना विकेट गंवाते रहे। जिसे दूसरे छोड़ पर खड़े कप्तान फाफ डू प्लेसी अंत तक देखते रहे। फाफ की कप्तानी पारी के दम पर दक्षिण अफ्रीका सम्मानजनक स्कोर बनाने में सफल रहा। फाफ डू प्लेसी ने 112 गेंदों का सामना करते हुए 11 चौके और दो सिक्स की बदौलत 120 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली। कप्तान फाफ के अलावा मेजबान टीम का और कोई भी बल्लेबाज फिरकी का सामना विश्वसनीय ढ़ग से नहीं कर पाए।
स्पिनरों ने दिखाया कमाल
डरबन में भारतीय युवा स्पिनरों ने अपना कमाल दिखाया। यजुवेंद्र चहल और कुलदीप यादव की घुमती गेंदों का सामना करने में अफ्रीकी बल्लेबाजों को खासा परेशानी हुई। मेजबान टीम 134 के स्कोर पर पांच विकेट खोने के बाद संकट में दिख रही थी। जिसे फाफ और क्रिस मॉरिस की साझेदारी ने उबार लिया।
प्लेसी और मॉरिस के बीच हुई अच्छी साझेदारी
134 के स्कोर पर आधी टीम वापस के आउट हो जाने के बाद कप्तान फाफ टू प्लेसी और क्रिस मॉरिस के बीच छठें विकेट के लिए 74 रनों की साझेदारी हुई। इन दोनों बल्लेबाजों ने मिलकर टीम का स्कोर 200 के पार पहुंचाया। 208 रनों के स्कोर पर कुलदीप यादव ने मॉरिस को आउट किया। मॉरिस ने 43 गेंदों का सामना करते हुए चार चौकें और एक सिक्स की बदौलत 37 रनों की उपयोगी पारी खेली।