भारत विश्व विजेता बनने की आठवीं सालगिरह मना रहा है। इन आठ सालों में भारत ने एक और विश्व कप खेला, लेकिन उसमें विश्व विजेता का खिताब भारत से छिन गया। अब से दो महीने बाद फिर से विश्व कप का आगाज हो रहा है और भारत एक बार फिर वर्ल्ड चैंपियन बनने की दावेदारी में सबसे आगे है।
कैसा था 2011 वर्ल्ड कप का फाइनल
– भारत ने 2 अप्रैल 2011 में श्रीलंका को हराकर वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। इससे पहले भारत ने पहली बार 1983 में वर्ल्ड कप जीता था। 2011 के वर्ल्ड कप में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को दूसरे सेमीफाइनल में मात देकर फाइनल में प्रवेश किया था तो वहीं दूसरी तरफ श्रीलंका ने पहले सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को मात दी थी और फाइनल में जगह बनाई थी।
– फाइनल में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 274 रन बनाए थे और भारत को 275 रन का लक्ष्य दिया था। श्रीलंका की तरफ से महेला जयवर्धने ने 103 रन की पारी खेली थी। 275 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही थी और पहले ही ओवर में वीरेंद्र सहवाग के रूप में भारत को पहला झटका लगा। इसके बाद सचिन तेंदुलकर का विकेट भी सातवें ओवर में गिर गया।
– सचिन-सहवाग के जल्दी आउट होने के बाद विराट कोहली और गौतम गंभीर ने भारतीय पारी को संभाला और तीसरे विकेट के लिए 84 रनों की साझेदारी की। 22वें ओवर में विराट कोहली भी आउट हो गए। जब विराट का विकेट गिरा तो भारत का स्कोर 114/3 था और जीत के लिए 168 गेंदों पर 166 रन चाहिए थे। विराट के आउट होने के बाद मैदान पर महेंद्र सिंह धोनी उतरे, जिन्होंने गौतम गंभीर के साथ मिललकर चौथे विकेट के लिए शतकीय साझेदारी की। 42वें ओवर में गौतम गंभीर 97 रन बनाकर आउट हो गए और उसके बाद धोनी ने युवराज सिंह के साथ मिलकर भारत को वर्ल्ड चैंपियन बना दिया। धोनी लॉन्ग ऑन पर सिक्स मारकर भारत को जीत दिलाई।