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टीम में नहीं चुने जाने पर इस भारतीय क्रिकेटर का बीसीसीआई पर फूटा गुस्सा, कहा चयन का गणित समझ नहीं आता

locationनई दिल्लीPublished: Jul 25, 2018 05:12:30 pm

Submitted by:

Siddharth Rai

मनोज ने आगामी प्रतियोगिताओं के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा भारतीय टीमों के चयन से नाखुश हैं। वेबसाइट ‘ईएसपीएनक्रिकइन्फो’ की रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई द्वारा पिछले सप्ताह आगामी प्रतियोगिताओं के लिए छह टीमों की घोषणा की गई है, जिनमें से किसी भी टीम में मनोज को जगह नहीं मिली है।

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टीम में नहीं चुने जाने पर इस भारतीय क्रिकेटर का बीसीसीआई पर फूटा गुस्सा, कहा चयन का गणित समझ नहीं आता

नई दिल्ली। चयनकर्ताओं से बहुत से खिलाड़ी नाखुश रहते हैं। कई बार खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करता है उसके बाद भी उसे टीम में नहीं चुना जाता। ऐसे मामलें में नहीं चुने जाने वाले खिलाड़ी कभी-कभी अपनी नाराज़गी जाहिर करते हैं। ऐसा ही कुछ बंगाल क्रिकेट टीम के बल्लेबाज मनोज तिवारी ने किया। मनोज ने आगामी प्रतियोगिताओं के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा भारतीय टीमों के चयन से नाखुश हैं। वेबसाइट ‘ईएसपीएनक्रिकइन्फो’ की रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई द्वारा पिछले सप्ताह आगामी प्रतियोगिताओं के लिए छह टीमों की घोषणा की गई है, जिनमें से किसी भी टीम में मनोज को जगह नहीं मिली है।

बीसीसीआई पर भड़के मनोज
बीसीसीआई द्वारा दक्षिण अफ्रीका-ए के खिलाफ चार दिवसीय मैच, दिलीप ट्रॉफी और दक्षिण अफ्रीका-ए एवं आस्ट्रेलिया-ए के साथ खेले जाने वाली सीरीज के लिए इंडिया-ए और इंडिया-बी टीमों की घोषणा की गई है। इनमें से किसी भी टीम में मनोज का नाम नहीं है और इसी पर बंगाल के क्रिकेट खिलाड़ी ने निराशा जताई है। मनोज ने 2017-18 सीजन में 126.70 की औसत से 507 रन बनाए। यह भारत में घरेलू सीजन में लिस्ट-ए की औसत के तहत सबसे बड़ा स्कोर है। इससे पहले स्कोर 400 रन तक का था। उनका इसके साथ ही विजय हजारे और देवधर ट्रॉफी में 100 से अधिक औसत रहा। उनके अलावा किसी अन्य बल्लेबाज ने इस उपलब्धि को हासिल नहीं किया।

ट्वीट कर निराशा व्यक्त की
अपनी इस निराशा को ट्विटर पर जाहिर कर मनोज ने लिखा, “भारतीय क्रिकेट टीम के इतिहास में कितने ऐसे बल्लेबाज रहे हैं, जिनका विजय हजारे और देवधर ट्रॉफी में 100 से अधिक का औसत रहा है और वह भी एक ही साल में?” मनोज ने कहा, “मुझे यह एहसास हुआ है कि टीम के लिए किए गए आपके काम की पहचान नहीं होती। लोग केवल स्कोरशीट पर नंबर देखना चाहते हैं, लेकिन यह भूल जाते हैं कि हम किस प्रकार की पिच पर खेले हैं और मैच का परिणाम क्या था?”

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