बता दें कि भारत और इंग्लैंड के बीच नॉटिंघम में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में इयान बेल मैच के तीसरे दिन इयोन मोर्गन के साथ क्रीज पर जमे हुए थे। टी ब्रेक से पहले मोर्गन ने एक शॉट खेला। वहीं इयान बेल इसे चौका समझ बैठे थे। ऐसे में इयान बेल क्रिज छोड़कर मोर्गन से बात करने लग गए। जबकि बॉल के बाउंड्री को छूने से पहले ही प्रवीण कुमार ने बॉल को पकड़ लिया था और थ्रो फेंका। इस प अभिनव मुकुंद ने बॉल पकड़कर गिल्लियां बिखेर दीं। टीम इंडिया की अपील पर थर्ड अंपायर ने इयान बेल को रनआउट दे दिया। इससे विवाद हो गया और दर्शकों ने इसे खेल भावना के विपरीत मानते हुए टीम इंडिया की हूटिंग शुरू कर दी थी।
इसके बाद धोनी ने खेल भावना दिखाते हुए टी ब्रेक के दौरान इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस और कोच एंडी फ्लॉवर से बात की और अपनी अपील वापस लेते हुए इयान बेल को वापस बल्लेबाजी करने के लिए बुलाया। टी ब्रेक खत्म होने के बाद इयान बेल को दोबारा बल्लेबाजी करने का मौका मिला। हालांकि आईसीसी नियमों के तहत इयान बेल क्रीज के बाहर थे और उन्हें थर्ड अंपायर ने रनआउट दिया था। वहीं धोनी की खेल भावना और उनके फैसले के लिए 10 साल बाद उन्हें दशक का स्पिरिट ऑफ क्रिकेट आफ द डिकेड अवॉर्ड दिया गया।