कमर और पैर के इन गंभीर बीमारियों से परेशान जयसूर्या को ऑस्ट्रेलिया के मेलबॉर्न में ऑपरेशन करवाना पड़ा और इसके बाद श्रीलंका के कोलंबो में स्थित नवलोक अस्पताल में एडमिट होना पड़ा लेकिन इनमें से किसी भी चीज़ में उन्हें पूरी तरह से राहत नहीं मिल रही थी।
जयसूर्या की इस हालत को देखने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मो. अजहरूदीन उन्हें आयुर्वेद जड़ी बुटियों से इलाज की सलाह दी और आयुर्वेद इलाज करने वाले डॉ. टाटा से एक बार मिलने को कहा। अजहरूदीन की सलाह मान जयसूर्या मुम्बई आए और डॉ. टाटा के निवास स्थान पर गए और अपनी बीमारी के बारे में उन्हें बताया। पूरी बात सुनने के बाद डॉ. टाटा ने उनका परीक्षण किया और उन्हें ठीक होने का आश्वासन दिया।
डॉ. टाटा वैद्यराज माखन विश्वकर्मा के साथ पतालकोट के घने जंगलों में गए और करीब एक सप्ताह वहां रुककर जड़ी-बूटी की तलाश कर निजी आवास में निवास दवाईया बनाई और डॉ. टाटा सहयोगीजन जय हो फाउंडेशन के अध्यक्ष तरूण तिवारी के साथ श्रीलंका के लिए रवाना हो गए।
वहां पहुंचकर उन्होंने जयसूर्या का इलाज किया और हैरान करने वाली बात ये थी कि मात्र 72 घंटे के भीतर ही जयसूर्या अपने पैरों में पुन खड़े हो गए। जो काम ऑपरेशन नहीं कर पाई उस काम को आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. प्रकाश टाटा ने संभव कर दिखाया।
श्रीलंका के इस पूर्व क्रिकेटर अपनी इस लंबी बीमारी के चलते पिछले काफी समय से परेशान थे लेकिन अब चलकर उन्हें फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने का मौका मिला और दोबारा उन्होंने राहत की सांस ली।