धोनी के साथ किया डेब्यू
धोनी और जोगिंदर दोनों का अंतराष्ट्रीय कॅरियर एक ही दिन में शुरू हुआ था। दोनों ने बांग्लादेश के खिलाफ वर्ष 2004 में डेब्यू किया था। उस समय टीम इंडिया के कप्तान सौरव गांगुली थे। पहले मैच में जहां धोनी कोई रन नहीं बना पाए, वहीं जोगिंदर ने 2 गेंद पर 5 रन बनाए थे। जोगिंदर ने अच्छी गेंदबाजी करते हुए 8 ओवर में 28 रन देकर एक विकेट भी चटकाया था।
3 साल बाद हुई टीम में वापसी
एक सीरीज खिलाने के बाद जोगिंदर शर्मा को टीम से ड्रॉप कर दिया गया, 3 साल तक टीम से बाहर रहने के बाद वर्ष 2007 में उनकी वापसी हुई। वेस्टइंडिज के खिलाफ चार एकदिवसीय मैच के लिए उनका चयन हुआ। इस सीरीज में जोगिंदर कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए और इसके बाद कभी उनकी एकदिवसीय टीम में वापसी नहीं हुई। जोगिंदर ने अब तक भारत के लिए 4 वनडे और 4 टी20 मैच ही खेले हैं। इन मैचों में उन्होंने सिर्फ 5 विकेट लिए हैं, जिनमें से उनके एक विकेट ने भारत को टी20 वर्ल्डकप चैंपियन बनाया था।
इंडिया को बनाया चैंपियन
—वर्ष 2007 में धोनी के नेतृत्व में खेलने वाली टी20 वर्ल्डकप टीम में हुआ सलेक्शन।
—पहले तीन मैचों की प्लेइंग इलेवन में नहीं मिला खेलने का मौका।
—इंग्लैंड के खिलाफ मिला खेलने का चांस, नहीं कर कोई खास प्रदर्शन।
—सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन ओवर में 37 रन देकर 2 विकेट लिए।
—फाइनल मैच में पाकिस्तान के खिलाफ धोनी ने जोगिंदर पर विश्वास जताते हुए आखिरी ओवर थमाया।
—आखिरी ओवर में पाकिस्तान को चाहिए थे 13 रन। पाक की आखिरी जोड़ी मैदान पर थी।
—जोगिंदर ने धोनी और भारतीयों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए ओवर की चौथी गेंद पर मिस्बाह उल हक को आउट कर भारत को टी20 वर्ल्डकप चैंपियन बनाय।
—टी20 वर्ल्डकप में भारत की जीत के साथ ही जोगिंदर पूरे देश में हीरो बन गए। जब वह अपने गृह राज्य हरियाणा पहुंचे तो सरकार उन्हें 21 लाख रुपए का पुरस्कार भी दिया।
एक्सीडेंट से ऐसे बदली लाइफ
साल 2011 में जोगिंदर शर्मा का एक्सीडेंट हो गया था। इस एक्सीडेंट में उनके सिर पर गंभीर चोट आई थी। इस वजह से उन्हें काफी दिनों तक आईसीयू में रहना पड़ा था। हादसे के बाद जोगिंदर ठीक तो हो गए, लेकिन टीम इंडिया में वापसी नहीं कर पाए। रिटायमेंट के बाद जोगिंदर ने हरियाणा पुलिस ज्वाइन की। आज वह डीएसपी के पद पर हैं।