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फीफा वर्ल्ड कप के लिए किया मोटर्स की ऐतिहासिक पहल, पढ़ें सुनील छेत्री का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

किया मोटर्स द्वारा आयोजित टैलेंट हंट प्रोग्राम के दौरान भारतीय फुटबाल के कप्तान सुनील छेत्री से हमारे पत्रिका के रिपोर्टर का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

May 07, 2018 / 07:26 pm

Siddharth Rai

नई दिल्ली। गुरुग्राम में किया मोटर्स इंडिया ने एक टैलेंट हंट प्रोग्राम आयोजित किया, जिसके तहत जून में रूस में होने वाले फीफा वर्ल्ड कप के लिए स्कूल के 6 बच्चों का चयन किया जाएगा। इन 6 बच्चों में से 2 ऑफिशल मैच बॉल कैरियर होंगे वहीं 4 स्पेक्टेटर होंगे। ये पहली बार है जब भारतीय फुटबॉल के इतिहास में ऐसा कोई कदम उठाया गया है। इस से आने वाले युवा फुटबॉल खिलाड़ियों पर अच्छा असर पड़ेगा।

किया मोटर्स ने की एक ऐतिहासिक पहल
किया मोटर्स द्वारा आयोजित इस टैलेंट हंट प्रोग्राम के दौरान भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान सुनील छेत्री भी मौजूद थे। इस दौरान हमारे पत्रिका के एक रिपोर्टर ने उन से बातचीत की और उनका इंटरव्यू लिया। सुनील ने इस टैलेंट हंट प्रोग्राम की तारीफ करते हुए कहा के किया मोटर्स द्वारा उठाई गई एक अच्छी पहल है इस से भारतीय फुटबॉल को फायदा मिलेगा। जब उनसे एशियन कप के बारे में पुछा गया तो सुनील ने कहा कि अगले वर्ष संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित होने वाले एएफसी एशियन कप में ग्रुप स्तर के मैच आसान नहीं होंगे और थाईलैंड जैसी टीमें भी भारत को कड़ी टक्कर दे सकती हैं।

एशिया कप का ग्रुप स्तर हमारे लिए आसान नहीं होगा
भारत को वर्ष 2019 में होने वाले एएफसी एशियन कप के लिए ग्रुप-ए में थाईलैंड, बहरीन और मेजबान यूएई के साथ रखा गया है। सुनील छेत्री ने कहा, “टूर्नामेंट का ग्रुप स्तर हमारे लिए आसान नहीं होगा। यह मत सोचिए कि हमारे ग्रुप में याईलैंड, बहरीन और यूएई जैसी टीमें हैं तो हम आसानी से नॉकआउट स्तर के लिए क्वालीफाई कर जाएंगे।” छेत्री ने कहा, “आप यह सोच रहे हैं कि हमने पिछले कुछ सालों में अच्छा प्रदर्शन किया है और इस कारण से हम नॉकआउट स्तर के लिए क्वालीफाई करने में कामयाब रहेंगे तो आप सही हैं, आपको अपनी टीम की स्थिति को पहले देखना है। अगर आपका मानना है कि ग्रुप ए में याईलैंड, बहरीन और यूएई जैसी कमजोर टीमों के कारण हम टूर्नामेंट में आगे बढ़ेंगे तो यह गलत है।”

पिछले कुछ सालों में थाईलैंड ज्यादा बेहतर टीम बनकर उभरी है
उन्होंने थाईलैंड की तारीफ करते हुए कहा कि इस छोटे से देश की टीम पिछले कुछ वर्षो में एशिया में सबसे ज्यादा बेहतर टीम बनकर उभरी है। छेत्री ने कहा, “आपने ग्रुप ए में मौजूद टीमों को खेलते हुए नहीं देखा है इसलिए आपके विचार में इन टीमों को हराना आसान है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। थाईलैंड की टीम पिछले छह वर्षो में सबसे ज्यादा बेहतर हुई है। हमने छह-सात वर्ष पहले उनके साथ एक मैच खेला था, जो 2-2 से ड्रॉ रहा था और अब वह इस टूर्नामेंट में एशिया की सबसे अच्छी टीमों को टक्कर देंगे। हमारे लिए महत्वपूर्ण यह है कि हमारे टीम के सभी 14-18 खिलाड़ी इस बड़े टूर्नामेंट के लिए तैयार रहे।”

मेरा लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा मैच जीतना
छेत्री ने यह भी माना कि उन्होंने फीफा रैंकिंग को कभी महत्व नहीं दिया और हम जिस टूर्नामेंट में भाग लेने जा रहे हैं, वहां रैंकिंग मायने नहीं रखती। छेत्री ने कहा, “मैंने कभी भी रैंकिंग को ज्यादा महत्व नहीं दिया। मुझे खुशी है कि हम शीर्ष 100 टीमों में जगह बनाने में कामयाब रहे लेकिन जिस तरह से रैंकिंग काम करती है वह बहुत जटिल प्रक्रिया है। मेरा सिर्फ एक ही लक्ष्य है कि हम लगातार ज्यादा से ज्यादा मैच जीते और खासकर देश के बाहर अच्छा प्रदर्शन करे। घर पर हमारा रिकॉर्ड हमेशा ही अच्छा रहा है लेकिन देश से बाहर हमें मुश्किले पेश आई हैं, तो मुझे उम्मीद है कि अगले छह महीनों में हम देश से बाहर अधिक मैच खेलेंगे जिससे हम टूर्नामेंट के लिए पूरी तरह से तैयार हो सके।”

गलतियों की वजह से नहीं जीते ख़िताब
छेत्री ने इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के फाइनल में मिली हार पर भी दुख व्यक्त किया और माना कि वह अपनी गलतियों के वजह से टूर्नामेंट का खिताब जीतने में कामयाब नहीं हो पाए। छेत्री ने कहा, “मुझे आभी भी दुख होता है कि हम फाइनल मैच हार गए। हमने पूरे टूर्नामेंट में हर टीम को धूल चाटाई लेकिन दो कॉर्नर की वजह से फाइनल हार गए जो हमारी ही गलती थी। सुपर कप जीतने के बाद हम सब खुश थे लेकिन आधे घंट बाद सभी खिलाड़ियों ने सोचा कि आईएसएल फाइनल में हमने क्यों उन दो कॉर्नर पर गलतियां की।” भारत एएफसी एशियन कप में अपना पहला मैच 6 जनवरी को थाईलैंड के खिलाफ खेलेगी।

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