हालांकि, कप्तान नीतीश राणा की बात से ईडन गार्डन्स के पिच क्यूरेटर सुजान मुखर्जी इत्तेफाक नहीं रखते। अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुजान मुखर्जी ने बताया कि पिच घरेलू टीम के निर्देशों के अनुसार नहीं बनाई जारी। मुखर्जी ने कहा, ‘आईपीएल को घरेलू मैदान के फायदे के हिसाब से नहीं खेला जाता। कप्तान जो चाहे कह सकता है।’
पिच क्यूरेटर ने कहा कि क्या आईपीएल के क्लॉज में कहीं यह लिखा है कि पिचें घरेलू टीमों के हिसाब से बनेगी। केकेआर को हमेशा से ही धीमी पिच से फायदा मिलता आ रहा है। साल 2012 और 2014 में भी उन्होंने अपने स्पिनर्स के दम पर ही जीत हासिल की थी। इस दौरान सुनील नरेन, शाकिब अल हसन और पीयूष चावला ने KKR कि जीत में हमेशा अहम भूमिका निभाई है और वे विरोधी टीम को 140-60 के आसपास रोक देते थे। इसके बाद बल्लेबाज इसे आसानी से चेज कर लेते थे। हालांकि इस बार पिच से तेज गेंदबाजों को ज्यादा मदद मिल रही है।
सुखन मुखर्जी ने कहा, ‘कई परेशनियां हैं जिनके बारे में मैं बात नहीं कर सकता हूं, केकेआर के लिए पिच बदलना आसान नहीं होता। आप बाकी टीमों को देखो क्या वह इस तरह की शिकायतें करती हैं। RCB और दिल्ली जैसी टीमों को देखिये वे इस बारे में कोई शिकायत नहीं करती। उन्हें जो दिया जाता है, वे उसी पर खेलते हैं।’