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कोटला में भी जीत का डंका बजाने उतरेगा भारत, मैदान पर है धोनी का शानदार रिकॉर्ड

Published: Oct 19, 2016 02:41:00 pm

Submitted by:

santosh

भारतीय क्रिकेट टीम फिरोजशाह कोटला मैदान में न्यूजीलैंड के खिलाफ गुरूवार को होने वाले दूसरे एकदिवसीय मैच में जीत का डंका बजाकर अपनी बढ़त मजबूत करने के इरादे से उतरेगी।

भारतीय क्रिकेट टीम धर्मशाला में शानदार शुरुआत करने के बाद पिछले 11 साल से अपने अभेद्य दुर्ग रहे फिरोजशाह कोटला मैदान में न्यूजीलैंड के खिलाफ गुरूवार को होने वाले दूसरे एकदिवसीय मैच में जीत का डंका बजाकर अपनी बढ़त मजबूत करने के इरादे से उतरेगी। भारत ने अपने 900वें वनडे में धर्मशाला में न्यूजीलैंड को एकतरफा अंदाज में छह विकेट से पराजित कर यादगार जीत दर्ज की थी। 
निशाने पर रहेगी लगातार पांचवीं जीत

न्यूजीलैंड को टेस्ट सीरीज में 3-0 से धो चुकी भारतीय टीम के निशाने पर लगातार पांचवीं जीत रहेगी। भारत पिछले 11 वर्षों में कोटला मैदान में खेले गए पिछले कुल 13 टेस्ट और एकदिवसीय मैचों में भारत एक बार भी नहीं हारा है, इनमें से उसने 12 मैच जीते हैं और एक मैच रद्द रहा है। धोनी का इस मैदान पर शानदार रिकॉर्ड रहा है और अपनी कप्तानी में छह मैचों में उन्होंने पांच जीते हैं। 
चैंपियंस ट्रॉफी के लिहाज से सीरीज अहम

न्यूजीलैंड के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज अगले वर्ष होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है। भारत को चैंपियंस ट्राफी से पहले कुल आठ एकदिवसीय मैच खेलने हैं जिनमें से एक मैच पूरा हो चुका है। भारत को इन आठ मैचों के दौरान ही चैंपियंस ट्राफी के लिये अपना टीम संयोजन तलाश लेना है। भारत के वनडे के कुछ शीर्ष खिलाड़ी शिखर धवन और सुरेश रैना फिलहाल पूरी तरह फिट नहीं है। 
रैना बुखार के कारण दूसरे मैच से भी बाहर

रैना बुखार के कारण दूसरे मैच से भी बाहर हो गए हैं जबकि शिखर को टेस्ट सीरीज में अंगूठे में चोट लग गयी है। ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा को सीरीज के पहले तीन मैचों से विश्राम दिया गया है। इन खिलाड़यिों की अनुपस्थिति में भारत में धर्मशाला में पहले वनडे में गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में शानदार प्रदर्शन किया था। 
न्यूजीलैंड को 190 पर समेटने के बाद भारत ने चार विकेट के नुकसान पर आसान जीत हासिल कर ली थी। भारतीय कोच अनिल कुंबले धर्मशाला में टीम के प्रदर्शन पर काफी खुश हैं और उनका कहना है कि टीम धर्मशाला में मिले आत्मविश्वास को कोटला में भी बरकरार रखेगी। 
विराट पर अत्याधिक निर्भरता से मुक्त होना होगा

कुंबले ने दूसरे वनडे की पूर्व संध्या पर कहा कि धर्मशाला में खिलाडिय़ों को जो आत्मविश्वास मिला उससे वह कोटला में भी बरकरार रखेंगे और उसी मनोबल के साथ खेलेंगे। कुंबले ने साथ ही संकेत दिया कि रहाणे दूसरे वनडे में भी रोहित शर्मा के साथ ओपङ्क्षनग की जिम्मेदारी संभालेगा। रहाणे का धर्मशाला में उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा था लेकिन टीम के पास रहाणे के अलावा और विकल्प नहीं है। 
वनडे के महारथी रोहित को अपने प्रदर्शन में निरंतरता लाने की जरूरत है क्योंकि हर मैच में टीम विराट कोहली पर निर्भर नहीं रह सकती है। विराट ने धर्मशाला में मैच जिताने वाली पारी खेली थी और आमतौर पर लक्ष्य का पीछा करते हुये वह मैच जिताने वाली पारियां खेलने में अहम भूमिका निभाते हैं। भारतीय टीम को विराट पर अत्याधिक निर्भरता से मुक्त होना होगा। इसके लिए बाकी बल्लेबाजों को अपनी जिम्मेदारी उठानी होगी। 
खासतौर पर वनडे में सर्वाधिक पारी का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले रोहित को विकेट पर टिककर लंबी पारी खेलनी होगी। दूसरी ओर न्यूजीलैंड की टीम भारत दौरे में अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सकी है। केन विलियम्सन, रॉस टेलर, मार्टिन गुप्तिल जैसे धाकड़ बल्लेबाज टीम के लिये बड़ा स्कोर नहीं बना सके हैं। कीवियों को यदि भारत के सामने चुनौती पेश करनी है तो इन बल्लेबाजों को अच्छे स्कोर बनाने होंगे। ओपनर टॉप लाथम ने धर्मशाला में जरूर अच्छी पारी खेली थी लेकिन अन्य बल्लेबाजों के समर्थन ने मेहमान टीम का काम खराब किया था।
न्यूजीलैंड के पास भी बदलाव की गुंजाइश कम

कोटला मैदान की पिच के लिए माना जा रहा है कि इससे गेंदबाजों और बल्लेबाजों को पूरी मदद मिलेगी। इस लिहाज से टॉस भी महत्वपूर्ण होगा। दिल्ली में शाम का मौसम ठंडा होने लगा है और इसका असर मैच पर भी दिखाई देगा। कोच कुंबले ने माना कि कोटला का विकेट खिलाड़यिों के लिए काफी अच्छा है। भारतीय एकादश में बदलाव की कोई गुंजाइश दिखाई नहीं देती है और धर्मशाला में जिस टीम ने मैच जिताने वाला प्रदर्शन किया था वही टीम दूसरे वनडे में भी अपना दमखम दिखाएगी। 
न्यूजीलैंड के पास भी बदलाव की गुंजाइश कम है और उसे अपनी धर्मशाला वाली एकादश पर ही भरोसा करना होगा कि वह दूसरे वनडे में अच्छा परिणाम दे। कोटला में दूसरा वनडे वैसे तो यहां आज होना था लेकिन करवाचौथ होने के कारण इसे एक दिन आगे खिसकाकर 20 अक्टूबर के लिये कर दिया गया है। भारत के युवा गेंदबाज हार्दिक पांड्या , अनुभवी उमेश यादव , लेफ्ट आर्म स्पिनर अक्षर पटेल और अनुभवी लेग स्पिनर अमित मिश्रा पर एक बार फिर विपक्षी टीम को बांधने का दारोमदार रहेगा। भारतीय कोच कुंबले युवा पांड्या से काफी प्रभावित हैं और उनका मानना है कि ये खिलाड़ी लंबी रेस का घोड़ा हैं। 
कप्तान धोनी चैंपियंस ट्रॉफी से पहले अपने हाथ में मौजूद तमाम अस्त्रों शस्त्रों को आंक लेना चाहते हैं ताकि जब अगले साल चैंपियंस ट्राफी के लिये टीम की घोषणा हो तो सर्वश्रेष्ठ खिलाडिय़ों का चयन किया जा सके। धोनी ने कोटला के इसी मैदान से अनिल कुंबले के संन्यास के बाद टेस्ट कप्तानी की जिम्मेदारी संभाली थी और अब वनडे कप्तान के रूप में उनकी कुंबले के साथ जुगलबंदी की अच्छी शुरूआत हुई है और इस जुगलबंदी को कोटला के वनडे से और मजबूती मिलेगी। 
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