नेस वाडिया ने प्रायोजन खत्म करने की मांग की
किंग्स इलेवन पंजाब के सह मालिक नेस वाडिया ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के कारण आईपीएल में चीन की कंपनियों के प्रायोजन को धीरे-धीरे खत्म करने की मांग की। बता दें कि गलवान (Galwan Valley) में चीन की ओर से 20 भारतीय सैनिकों के मारे जाने के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने चीन की कंपनियों के आईपीएल में प्रायोजन की समीक्षा के लिए संचालन परिषद (IPL Stairing Committee) की बैठक बुलाई है। हालांकि यह बैठक अब तक नहीं हो पाई है।
देश की खातिर तोड़ना चाहिए चीनी प्रायोजकों से नाता
नेस वाडिया ने कहा कि हमें देश की खातिर आईपीएल (IPL) में चीन के प्रायोजकों से नाता तोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश पहले आता है, पैसा बाद में आता है। वाडिया ने कहा कि यह इंडियन प्रीमियर लीग है, चीन प्रीमियर लीग नहीं है। वाडिया ने कहा कि हां, शुरुआत में प्रायोजक को ढूंढ़ना मुश्किल होगा, लेकिन उन्हें लगता है कि पर्याप्त भारतीय प्रायोजक मौजूद हैं, जो उनकी जगह ले सकते हैं। हमें देश और सरकार का सम्मान करना चाहिए और सबसे अहम यह कि उन सैनिकों के लिए यह कदम उठाना चाहिए, जो जीवन जोखिम में डालते हैं।
वाडिया बोले, सरकार के निर्देश के इंतजार का वक्त नहीं
किंग्स इलेवन पंजाब के मालिक नेस वाडिया ने कहा कि इस विवादास्पद मामले में सरकार के निर्देशों का इंतजार करना सही नहीं है, क्योंकि यह वक्त देश के साथ खड़े होने का है। यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अगर वह बीसीसीआई अध्यक्ष (BCCI President) होते तो वह कहते कि आगामी सत्र के लिए उन्हें भारतीय प्रायोजक चाहिए। वाडिया ने साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर चीन की ऐप को प्रतिबंधित करने के सरकार के फैसले का भी स्वागत किया।
अन्य टीमें सरकार के फैसले के साथ
किंग्स इलेवन पंजाब के मालिक वाडिया ने जहां अपना रुख साफ कर दिया है, वहीं चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) समेत अन्य टीमों ने कहा कि वह सरकार के फैसले को मानेंगी। सीएसके के एक सूत्र ने कहा कि शुरुआत में चीनी कंपनियों की जगह लेना मुश्किल होगा, लेकिन अगर देश की खातिर ऐसा किया जाता है तो हम इसके लिए तैयार हैं। एक अन्य टीम मालिक ने कहा कि सरकार को फैसला करने दीजिए, वह जो भी फैसला करेंगे हम उसे मानेंगे।
चीनी कंपनी वीवो है आईपीएल प्रायोजक
चीन की मोबाइल फोन कंपनी वीवो (Vivo) आईपीएल की टाइटल स्पांसर है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने 2017 में वीवो के साथ पांच साल का करार किया है। इस करार के तहत वह 2022 तक बीसीसीआई को हर साल 441 करोड़ रुपए देगी। आईपीएल से जुड़ी अन्य कंपनियों में पेटीएम, स्विगी और ड्रीम इलेवन में भी चीनी कंपनियों का निवेश है। बता दें कि सिर्फ आईपीएल को ही नहीं, बल्कि कई आईपीएल टीमों को भी चीन की कंपनियां प्रायोजित करती है।