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Sachin Tendulkar की कप्तानी पर बोले Madan Lal, भले रिकॉर्ड खराब हों, लेकिन वह अच्छे कप्तान थे

locationनई दिल्लीPublished: Jun 19, 2020 02:11:10 pm

मदनलाल ने कहा कि Sachin Tendulkar अपने प्रदर्शन को लेकर खुद पर इतना फोकस थे कि वह टीम का ख्याल नहीं रख पा रहे थे।

Madan Lal told About Sachin tendulkar Captaincy

Madan Lal told About Sachin tendulkar Captaincy

नई दिल्ली : सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) जितने अच्छे बल्लेबाज थे, उनकी कप्तानी के रिकॉर्ड उतने अच्छे नहीं है। इस वजह से क्रिकेट के कुछ जानकारों का मानना है कि वह बेहतर कप्तान नहीं थे। लेकिन टीम इंडिया (Team India) के पूर्व तेज गेंदबाजी हरफनमौला और कोच मदनलाल (Madan Lal) का मानना है कि सचिन तेंदुलकर महान बल्लेबाज होने के साथ-साथ एक अच्छे कप्तान भी थे। सचिन ने 1996 से 2000 के बीच 73 वनडे और 25 टेस्ट मैचों में टीम की कप्तानी की थी। उनकी कप्तानी में भारत ने 23 वनडे में जीत हासिल की थी, जबकि वह महज चार टेस्ट ही जीतने में कामयाब रहे। वहीं वनडे में 43 और टेस्ट में नौ मैचों में हार का सामना करना पड़ा।

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सचिन में खेल को पढ़ने की क्षमता

मदनलाल ने फेसबुक लाइव के दौरान कहा कि वह इस बात से सहमत नहीं हैं कि सचिन अच्छे कप्तान नहीं थे, लेकिन वह अपने प्रदर्शन को लेकर खुद पर इतना फोकस थे कि वह टीम का ख्याल नहीं रख पा रहे थे। मदन लाल ने कहा कि एक कप्तान के तौर पर आपको न सिर्फ अपने प्रदर्शन के बारे में नहीं सोचना होता है, बल्कि टीम के अन्य खिलाड़ियों से भी बेहतर प्रदर्शन करवाना होता है। यह सबकुछ इस पर निर्भर करता है कि यह सब आप कैसे संभालते हैं। मदन लाल ने कहा कि सचिन में खेल पढ़ने की अच्छी क्षमता है। वह खिलाड़ियों को बताते हैं कि कहां गलती कर रहे हैं और उन्हें कैसे गेंदबाजी करनी चाहिए। 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य ने बताया कि वह इन सब में शानदार थे। उन्होंने कहा कि ऐसा कई बार होता है कि जब आप खेल को बहुत ज्यादा तवज्जो देते हैं तो आपके लिए कुछ मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं। मदन लाल ने एक बार फिर जोर देकर कहा कि ऐसा नहीं है कि सचिन अच्छे कप्तान नहीं थे।

मैंने ही गांगुली को दी थी ओपन करने की सलाह : मदन लाल

इस मौके पर मदन लाल ने यह भी बताया कि उन्होंने ही सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को ओपन करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा कि वह शुरुआती दिनों में मिडल ऑर्डर में स्ट्रगल कर रहे थे, जब उन्होंने पारी की शुरुआत की तो चीजें बदल गईं। मदन लाल ने कहा कि हम दादा का सही इस्तेमाल करना चाहते थे। मदन लाल ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि दादा को यह यह है या नहीं। उन्होंने गांगुली से कहा था कि आप अगर नंबर पांच पर बल्लेबाजी करते रहेंगे तो कुछ नहीं होगा। आपको सीधा ओपन करना चाहिए।

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गांगुली को सेट होने में लगता है समय

पूर्व कोच ने कहा कि हर खिलाड़ी का अपना अंदाज होता है। गांगुली के पास सभी स्ट्रोक्स थे। लेकिन हर बल्लेबाज को सेट होने के लिए अलग-अलग समय चाहिए होता है। जैसे वर्तमान में भी विराट कोहली (Virat Kohli) और अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) को सेट होने में थोड़ा समय लगता है। यही बात उन्होंने दादा से कही थी। और वह इस बात पर राजी हो गए थे। इसके बाद उन्होंने कभी मुड़कर नहीं देखा। सचिन और सौरव की साझीदारी भारत के लिए बहुत अच्छी रही है। इन दोनों ने भारत के लिए कई मैच जीते हैं।

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