वहीँ आशीष नेहरा के रिटायरमेंट, न्यू जीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम का टी20 रेकॉर्ड और फिरोजशाह कोटला में जेनरेटर सेट के बगैर पहली बार कोई मैच खेला जाना भी एक ऐसा मुद्दा है जिसपर सभी की नजर रहेगी।
वैसे चर्चा के केंद्र में आशीष नेहरा हैं। क्योंकि करीब 19 साल पहले टेस्ट क्रिकेट के रूप में अपना पहला इंटरनैशनल मैच खेलने वाले नेहरा ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि उनके घरेलू मैदान फिरोजशाह कोटला में होने वाला पहला टी20 मैच उनका आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच होगा। इस 38 वर्षीय तेज गेंदबाज ने भारत की तरफ से अपना आखिरी मैच इस साल एक फरवरी को बेंगलुरु में खेला था। नेहरा ने अपना अंतिम टेस्ट मैच अप्रैल 2004 जबकि आखिरी वनडे वर्ल्ड कप 2011 में खेला था।
हम सभी जानते हैं कि भारतीय टीम की गेंदबाजी की रीढ़ माने जाने वाले आशीष नेहरा ऐसे गेंदबाज हैं, जिनकी उम्र जैसे-जैसे बढ़ती गई, वो वैसे-वैसे और शानदार गेंदबाज के तौर पर उभरते गए।
मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में की थी टेस्ट करियर की शुरुआत-
2011 में वल्र्ड चैंपियन टीम इंडिया के सदस्य रहे आशीष नेहरा ने 1999 में टेस्ट क्रिकेट में करियर की शुरुआत मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में की थी। नेहरा ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत श्रीलंका के विरुद्ध कोलम्बो में की थी, जब वे 19 वर्ष के थे। 2001 में उन्होंने अपना पहला एकदिवसीय मैच जिम्बाब्वे के विरुद्ध हरारे में खेला। नेहरा 17 टेस्ट, 120 वनडे और 26 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 44 टेस्ट विकेट,157 एकदिवसीय विकेट और 34 टी-20 विकेट ले चुके हैं। चोटिल होने के कारण वह टीम से अन्दर-बाहर होते रहे हैं, परन्तु जब नेहरा ने वापसी की, तो यादगार वापसी कहलाई। 2003 विश्वकप में उन्होंने इंग्लैंड के विरुद्ध 23 रन दे कर 6 विकेट झटके थे ये उनके एकदिवसीय करियर का सबसे यादगार प्रदर्शन था।
26 फरवरी को डरबन में खेले गए इस मैच से दो दिन पहले आशीष नेहरा चोटिल हो गए थे। उनके टखने में इतनी ज्यादा सूजन आ गई थी कि वे जूता भी नहीं पहन पा रहे थे। अगले दो दिन तक वे बर्फ की थैली लेकर पैर को सेंकते रहे। मैच से एक दिन पहले भी उनकी तबीयत इतनी खराब थी कि वे पिच पर उल्टियां कर रहे थे। इसके बाद मैच वाले दिन तो पैर सूज कर ऐसा हो गया कि वो मौजा भी नहीं पहन पा रहे थे। लेकिन फिर भी वे हर हाल में मैच खेलना चाहते थे। आशीष नेहरा ने फिटनेस टेस्ट तक नहीं कराया।
नेहरा ने बिना मोजे के जूते पहने और फिर ये मैच और उनकी परफॉर्मेंस इतिहास में दर्ज हो गया। ये वर्ल्ड कप हिस्ट्री में किसी भी इंडियन बॉलर की बेस्ट परफॉर्मेंस है। अगर बत्ती गुल हो गई तो?
इन सबके बीच मैच के आयोजन का जिम्मा संभाल रहे डीडीसीए की अपनी चिंता होगी। पर्यावरण प्रदूषण बचाव एवं नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने मैच के दौरान डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। ऐसे में फिरोजशाह कोटला में पहली बार जेनरेटर के बगैर किसी मैच का आयोजन कराया जाएगा।