वेलिंगटन टेस्ट की दोनों पारियों में पृथ्वी शॉ विफल रहे थे। वह क्रमश: 16 और 14 रन बनाकर टिम साउदी और ट्रेंट बोल्ट के शिकार हो गए थे। क्रिकेट विशेषज्ञों ने उनकी पारी के विश्लेषण में पाया कि शॉ की बल्लेबाजी तकनीक में कुछ कमजोरियां हैं। लेकिन मैच की समाप्ति पर कोहली ने कहा था कि उनका मानना है कि आठ या दस बार इसी तरह से शॉ के आउट होने के बाद हम इसका विश्लेषण कर सकते हैं। फिलहाल उन्हें नहीं लगता कि अभी इस पर बात करना एक ऐसे खिलाड़ी के साथ न्याय होगा, जो पहली बार विदेशी सरजमीं पर खेल रहा है। उन्होंने कहा कि घरेलू धरती पर खेलने की तुलना में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलना अलग तरह की चुनौती होती है। इसके अलावा उसे अलग तरह के गेंदबाजी आक्रमण का सामना करना पड़ रहा है।
बैकलिफ्ट ज्यादा ऊंची है
पृथ्वी शॉ की बैकलिफ्ट काफी ऊंची है। इस कारण कीवी गेंदबाजों ने जब शॉर्टपिच गेंदबाजी की तो शॉ को इसे खेलने में काफी परेशानी हुई। शॉ की इसी खामी का फायदा अभ्यास मैच में स्कॉट कुग्लेजिन ने उठाया और इसके बाद वेलिंगटन टेस्ट की दूसरी पारी में बोल्ट ने उन्हें इसी तरह परेशानी में डाला। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विराट ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इस स्तर पर हमें इस बारे में चर्चा करने की जरूरत है। उन्होंने उल्टे सवालिया अंदाज में कहा कि ऐसा क्या गलत हुआ? उन्हें तो कुछ भी गलत नजर नहीं आता। बात बस इतनी है कि वह चीजों पर सही तरह से अमल नहीं कर पाया था।
कप्तान कोहली ने कहा कि बतौर बल्लेबाज उनका मानना है कि जब तक आप एक ही गलती सात या आठ बार नहीं दोहराते, तब तक इसे लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। विराट कोहली के इस बयान को संकेत को मानें तो यह पक्का लगता है कि दूसरे टेस्ट में भी अंतिम एकादश में पृथ्वी शॉ बने रहेंगे। यानी पंजाब एक और युवा सलामी बल्लेबाज शुभमान गिल को अभी अपनी बारी के लिए और इंतजार करना होगा।