हालांकि उनका मानना है कि ऐसी पारियों के बावजूद उनके जैसे युवा खिलाड़ी दिग्गजों के बीच टीम में खो जाते हैं। कैफ ने एक साक्षात्कार में कहा, ” जिस तरह मैंने अपना खेल खेला, उससे मैं खुश हूं। मैंने घर में और बाहर, दोनों जगह भारतीय प्रशंसकों के लिए कुछ विशेष क्षण बनाए। जिस तरह से मैंने अपने करियर का अंत किया, उससे मैं खुश हूं। मैंने जितने समय भी खेला वह एक शानदार युग था।”
उन्होंने कहा, “मैं कुछ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के मार्गदर्शन में खेला जो बाद में दिग्गज बने। जब टीम में काफी ज्यादा मुकाबला होता है तो चयनकर्ताओं के लिए मेरे जैसे युवाओं को मौका देना मुश्किल हो जाता है।” टी-20 क्रिकेट के आ जाने के बाद कैफ उन खिलाड़ियों में शामिल थे, जिन्होंने माना कि वह युवराज सिंह जैसे विस्फोटक बल्लेबाजों से अलग हैं।
कैफ ने कहा, ” मैं टेस्ट क्रिकेट के लिए अधिक उपयुक्त था, हालांकि मैं ज्यादा टेस्ट मैच नहीं खेल पाया। तकनीक के नजरिये से देखें तो मैं गौतम गंभीर, राहुल द्रविड़ की तरह था। मैंने उन्हें बहुत बार खेलते देखा है।” भारतीय टीम के सर्वश्रेष्ठ फिल्डर रहे कैफ ने कहा, “मैं युवराज जैसी बल्लेबाजी कभी नहीं करना पसंद करता था क्योंकि मुझे क्रीज पर कुछ समय बिताना पसंद था।”
उन्होंने वनडे में दो शतक और 17 अर्धशतकों की मदद से 2,753 रन बनाए हैं। उत्तर प्रदेश से घरेलू क्रिकेट की शुरुआत करने वाले कैफ बाद में आंध्र और फिर छत्तीसगढ़ टीम के लिए खेलने लगे। इसके पीछे कारण पूछे जाने पर, कैफ ने कहा, ” मैं नई चुनौतियों की तलाश में था इसलिए मैं आंध्र गया और फिर छत्तीसगढ़।”