2018 में हार्पर से हुई थी मुलाकात
एमएसके प्रसाद ने डेरेल हार्पर के 1999 के दावे पर एक मीडिया को दिए साक्षात्कार में कहा कि 2018 में जब वह राष्ट्रीय टीम के मुख्य चयनकर्ता थे, तब वह हार्पर से मिले थे। इस दौरान उनके बीच इस मुद्दे पर बात हुई थी। लेकिन डेरेल हार्पर ने उनके हवाले से इस मुद्दे पर जो कुछ कहा है, उनकी टिप्पणी उससे अलग थी। प्रसाद ने कहा कि सचिन को आउट देने के फैसले के कारण डेरेल लंबे समय से अपराधबोध से ग्रस्त थे। 2018 में भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज के दौरान वह लंचरूम में हार्पर से मिले थे।
प्रसाद बोले, हार्पर से ऐसा कुछ नहीं कहा था
एमएसके प्रसाद ने कहा कि इस दौरान हार्पर ने सच में उनसे पूछा था कि सचिन की क्या फीलिंग थी, जब उन्होंने एलबीडब्ल्यू करार दिया था। हार्पर के पूछने पर उन्होंने कहा था कि आप उन्हें आउट देते या नहीं देते, सचिन उन इंसानों में से नहीं हैं, जो अंपायर से सवाल करेंगे। यही कारण है कि वह हम सब के लिए रोल मॉडल हैं और भारतीय क्रिकेट के भगवान हैं।
हम सभी हैरान थे
1999 में सचिन के उस एलबीडब्लू आउट पर बाकी टीम की क्या प्रतिक्रिया थी, पर प्रसाद ने कहा कि ड्रेसिंग रूम में सभी हैरान थे। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा की एक बाउंसर को डक करते समय गेंद तेंदुलकर के कंधे से टकराई थी, जिस पर मैदानी अंपायर हार्पर ने उन्हें एलबीडब्लू करार दिया था। यह ऐसा फैसला था, जिस पर काफी लंबे समय तक चर्चा होती रही थी। क्रिकेट प्रशंसकों ने अंपायर डेरेल हार्पर की जमकर आलोचना की थी।