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सचिन से नहीं सहवाग से खौफ खाते थे मुरलीधरन, जमकर करते थे पिटाई, अब बताए इतने सारे कारण

locationनई दिल्लीPublished: Aug 20, 2021 10:21:28 pm

श्रीलंका के दिग्गज स्पिन गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन ने खुलासा कि सहवाग के क्रीज पर आते ही पूरी टीम डिफेंसिव हो जाती थी। वह एक नीर्भिक खिलाड़ी हैं।

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नई दिल्ली। टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले श्रीलंका के पूर्व गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन ने खुलासा करते हुए कहा है कि उन्हें उनके कॅरियर में सबसे अधिक परेशान भारत के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा ने किया था। टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट लेने वाले स्पिन गेंदबाज मुरलीधरन ने एक कार्यक्रम में कहा, मेरे सामने कई बल्लेबाजों ने शतक और दोहरे शतक लगाए हैं। सहवाग तो तिहरे शतक के करीब पहुंचे हैं। लेकिन यह उन बल्लेबाजों का दिन होता था, कभी ऐसा नहीं लगा कि वे परेशान कर रहे हैं। सच कहूं तो मुझे सबसे अधिक लारा और सहवाग ने ही परेशान किया है।

‘सहवाग एक निर्भिक खिलाड़ी थे’
सहवाग के बारे में उन्होने कहा, वैसे तो मैं टेस्ट क्रिकेट में बॉउंड्री पर फील्डर ही नहीं रखता था, लेकिन सहवाग के लिए ऐसा करना पड़ता था क्योंकि मुझे पता था कि वह चांस जरूर लेंगे और आक्रामक शॉट खेलेंगे।मुरली ने कहा, सहवाग कब आउट हो जाएं यह किसी को नहीं पता रहता था। वह निर्भीक खिलाड़ी थे, जो 90 रन के स्कोर पर होते हुए भी ***** लगाते थे। ऐसे खिलाड़ी विश्व स्तरीय होते हैं और इन खिलाड़ियों के सामने आपकी कोई योजना नहीं चलती।

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‘डिफेंसिव हो जाते थे सहवाग के क्रीज पर उतरते ही’
सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज ने कहा, जब सहवाग बल्लेबाजी करने आते थे, तो हम डिफेंसिव हो जाते थे और इंतजार करते थे कि कब वह गलती करें और कब हमें उनका विकेट मिले। लेकिन गलती करने से पहले वह सुनिश्चित कर लेते थे कि अगर उन्हें दो घंटे खेलने को मिल रहा है तो वह कम से कम 150 रन स्कोर करें और अगर उन्हें पूरे दिन का खेल मिलता था तो वह तिहरा शतक भी बना लेते थे।

‘सचिन की अपने विकेट की अहमियत समझते थे’
सचिन तेंदुलकर के बारे में पूछने पर मुरलीधरन ने कहा कि उन्हें गेंदबाजी करने में कोई डर नहीं लगता था क्योंकि वह आपके पीछे नहीं पड़ते थे और आपको चोट नहीं पहुंचाते थे। हालांकि, मुरली ने माना कि सचिन को आउट करना बहुत कठिन होता था क्योंकि वह अपने विकेट का मूल्य समझते थे। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि सचिन ऑफ स्पिन को उतने अच्छे से नहीं खेल पाते थे, जितना वह लेग स्पिन या ल़ेफ्ट आर्म स्पिन को खेल सकते थे। मैंने उन्हें कई बार आउट किया है। कई और ऑफ स्पिनर्स भी उन्हें आसानी से और सस्ते में आउट कर लेते थे। इसलिए मुझे ऐसा लगता था कि वह ऑफ स्पिन के खिलाफ थोड़ा सा कमजोर थे। हालांकि, मैंने कभी उनसे इस कमजोरी के बारे में बात नहीं की क्योंकि वह लेजेंड हैं।

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