अभी तक का सफर शानदार रहा है देश के लिए 50वें टेस्ट मैच खेलना किसी के लिए भी गर्व करने का क्षण होता है ,मेरे लिए भी है।
नई दिल्ली : अभी तक का सफर शानदार रहा है देश के लिए 50वें टेस्ट मैच खेलना किसी के लिए भी गर्व करने का क्षण होता है ,मेरे लिए भी है। कैरियर में उतार चढ़ाव रहते हैं लेकिन हाल की अच्छी फार्म को देखते हुए मैं इस टेस्ट में कुछ रन जुटाने के लिये प्रतिबद्ध हूं।।’ पुजारा के लिए उनका सात साल का अंतरराष्ट्रीय करियर 2015 तक मुश्किलों भरा रहा।
चोटों ने किया परेशान
शुरुआती चरण में उन्हें घुटने की चोट का सामना करना पड़ा था जिसमे वे लगभग एक साल तक टीम से बाहर रहे। उन्होंने कहा, ‘चोटिल होना मेरे करियर का सबसे चुनौतीपूर्ण समय रहा। में घुटने की चोट के कारण छह महीने तक मैदान से बाहर रहा और फिर दोबारा 2011 में मैं फिर छह महीने के लिये बाहर हो गया। मैं पूरे साल नहीं खेल सका, जो मेरे लिये काफी कठिन था।’
पुजारा ने कहा, ‘जब आप चोटिल होते हो तो आपको दोबारा से लय में आने की जरूरत होती है. चोट मेरे करियर का सबसे कठिन हिस्सा थी लेकिन अब मैं इससे बाहर निकल गया हूं और अपनी फिटनेस पर काम कर रहा हूं।
पिता हैं सबसे कठोर आलोचक
सौराष्ट्र के रणजी क्रिकेटर अरविंद पुजारा ने अपने बेटे
चेतेश्वर पुजारा के करियर में जो योगदान दिया है, उससे सभी परिचित हैं और अब यह भारतीय खिलाड़ी अपने 50वें टेस्ट की तैयारी में है। तीसरे नंबर का यह ‘डिपेंडेबल’ बल्लेबाज इस बात से खुश है कि उनकी सबसे ज्यादा आलोचना करने वाले पिता अब इतने सख्त नहीं हैं जितने वह हुआ करते थे।
अब नतीजे पर पहुंच जाते हैं
पुजारा ने अपने पिता के योगदान के बारे में बात करते हुए कहा, ‘मेरे पिता हमेशा मेरे सर्वश्रेष्ठ और खराब आलोचक रहे हैं। कभी कभार वह काफी आलोचना करते हैं लेकिन अब हमारी आपसी समझ ऐसी हो गई है जिसमें हम हमेशा बातचीत के बाद निष्कर्ष पर पहुंच जाते हैं और अब वह इतने ज्यादा सख्त नहीं हैं’।
पुजारा ने अब तक 49 टेस्ट मैचों में 52.18 के औसत से 3,966 रन बनाए हैं जिसमें 12 शतक शामिल हैं। हाल ही श्रीलंका के खिलाफ गाले टेस्ट में उन्होंने शानदार शतक जड़ा था।