इंडीज और इंग्लैंड में दिलाई थी जीत-
बताते चले कि वाडेकर ने बुधवार को मुंबई स्थित जसलोक हॉस्पिटल व रिसर्च सेंटर में अंतिम सांस ली। दिवंगत भारतीय कप्तान वाडेकर पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। अजीत वाडेकर 1971 में पहली बार देश से बाहर जीत दर्ज करने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान थे। वाडेकर 37 टेस्ट मैच खेले और उन्होंने वेस्ट इंडीज और इंग्लैंड में भारतीय टीम के ऐतिहासिक जीत का हिस्सा रहे।
टीम इंडिया के सफल कप्तान-
उनकी कप्तानी में 1970 के दशक में भारत ने वेस्टइंडीज में पांच में जीत हासिल की। इसके बाद इंग्लैंड में तीन मैचों की श्रंखला में भारत ने जीत हासिल की। वाडेकर ने टेस्ट मैच में 2,113 रन बनाए जिसमें उनका 14 अर्धशतक भी शामिल है। वह भारतीय क्रिकेट टीम के सफल कप्तान थे। वाडेकर का जन्म एक अप्रैल 1941 में मुंबई में हुआ था। उन्होंने 1958 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत की थी। बाद में 1966 में उनका अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण हुआ।
संन्यास के बाद मैनेजर बने वाडेकर-
वाडेकर 1974 तक भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे। वाडेकर एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भी दो मैच खेले थे। वह बायें हाथ के आक्रामक बल्लेबाज थे। भारत सरकार ने 1967 से वाडेकर को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया। इसके बाद 1972 में उन्हें पद्मश्री अलंकरण से भी विभूषित किया गया। क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद उन्होंने मैनेजर के तौर भारत की राष्ट्रीय टीम में अपनी सेवा दी। वह 1990 में मोहम्मद अजहरुद्दीन की अगुवाई वाली भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजर थे।
पीएम मोदी ने ये कहा-
पीएम मोदी ने वाडेकर को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि अजीत वाडेकर ने जो भारतीय क्रिकेट के लिए किया, उसके लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। बढ़िया बल्लेबाज और शानदार कप्तान थे वो। उन्होंने हमारी टीम को कई यादगार जीत दिलाईं। इसके अलावा को क्रिकेट एडमिस्ट्रेटर के तौर पर भी कारगर रहे। उनके निधन की खबर से बहुत दुखी हूं।