फुटबॉलर और क्रिकेटर ज्यादा शामिल
हाल ही में, साइंटिफिक रिपोट्र्स जर्नल ने एक अध्ययन किया। इसके तहत, आयरलैंड के गेलिक एथलेटिक एसोसिएशन में शीर्ष स्तर के खिलाडिय़ों के बीच जुआ खेलने की लत आम लोगों के मुकाबले ज्यादा दिखी। एक सर्वेक्षण से पता चला कि सामान्य आबादी में युवा पुरुषों की तुलना में पेशेवर पुरुष फुटबॉलरों और क्रिकेटरों के बीच जुए की समस्या तीन गुना अधिक है।
चोरी-छिपे लगाते है दांव
विशेषज्ञों के मुताबिक, गेम्बलिंग को आमतौर पर एक छिपी हुई लत कहा जाता है। जुए की समस्या अन्य विकारों जैसे शराब या नशीली दवाओं के दुरुपयोग की तरह शरीर पर अपनी छाप नहीं छोड़ती है। यही कारण है कि इसका पता लगाना कठिन हो सकता है क्योंकि ज्यादातर खिलाड़ी चोरी-छिपे गेम्बलिंग करते हैं और दांव लगाते हैं।
हर हाल में जीतने की चाहत बढ़ाता है आकर्षण
सवाल यह उठता है कि आखिर खिलाड़ी इस लत का शिकार क्यों हो रहे हैं। विशेषज्ञों ने इसके कई कारण बताए हैं।
1) प्रतिस्पर्धी स्वभाव: खिलाड़ी स्वभाव से प्रतिस्पर्धी होते हैं। टीम के साथियों के साथ जुआ खेलने से उनकी आदत ज्यादा बढ़ जाती है। वे हर हाल में जीतना चाहते हैं। यदि टीम के भीतर जुए की संस्कृति है, तो यह बहुत हानिकारक हो सकती है।
2) ज्यादा पैसा कमाना : हर खिलाड़ी ग्लैमरस जिंदगी जीना चाहता है। इसके लिए उसे पैसा चाहिए होता है और उसे लगता है कि जुए के एक दांव से उसे कुछ ही पलों में बहुत ज्यादा पैसा मिल सकता है।
3) आदत का लगना : एक बार जब कोई खिलाड़ी पैसा कमा लेता है तो वो और पैसा कमाने के लिए दांव लगाता है। यदि खिलाड़ी हार जाता है तो उस हारे हुए पैसे को वापस पाने के लिए दांव लगाता है। इस तरह वो जुए के शिकंजे में फंस जाता है।
भारी मुनाफा कमा रही गेम्बलिंग कंपनियां
गेम्बलिंग करने वाली कंपनियां भारी मुनाफा कमा रही हैं। इंग्लिश प्रीमियर लीग की सभी 20 टीमों में से आठ टीमों की टी-शर्ट पर किसी न किसी गेम्बलिंग कंपनी का लोगो लगा है।
सावधानी : खिलाडिय़ों को नुकसान की दी जा रही जानकारी
जुए की बढ़ती हुए लत के कारण कई टीमें अपने खिलाडिय़ों को इनसे होनी वाली समस्याओं के बारे में जानकारी भी दे रही हैं। वे खिलाडिय़ों के लिए अलग से सेशन आयोजित करती हैं, जहां प्रोफेशनल्स उन्हें इस समस्या से बाहर निकलने का रास्ता बताते हैं।
56.6 फीसदी खिलाडिय़ों ने जुआ खेलने की बात मानी
यूरोपियन यूनियन एथलेटिक्स ने पिछले साल एक अध्ययन किया। इसमें, स्पेन, फ्रांस, यूनान, आयरलैंड, इटली, स्वीडन और यूनाइटेड किंगडम से जुड़े आइस हॉकी, रग्बी, क्रिकेट, हैंडबॉल, बास्केटबॉल, फुटबॉल और वालीबॉल खिलाडिय़ों को शामिल किया। इस दौरान उनसे कई सवाल पूछे गए और जानकारी एकत्र की गई। इसके बाद ये नतीजा निकला कि 56.06 फीसदी खिलाडिय़ों ने जीवन में कम से कम एक बार जुआ जरूर खेला है।