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चिल्ड्रन थिएटर वर्कशॅाप से गुलजार रहेगा जोधपुर

locationनई दिल्लीPublished: Apr 02, 2017 06:16:00 am

Submitted by:

Harshwardhan bhati

सूरज का शहर जोधपुर एक महीने तक बच्चों की अदाओं और अदाकारी से गुलजार रहेगा। यह जोधपुर लोर संस्थान की अनूठी पहल है, जिसके तहत 8 से 14 साल तक की उम्र के बच्चे अदाकारी के गुर सीखेंगे।

acting class for children

acting class for children

जुबां खामोश रहती है और चेहरा बोलता है। कभी आंखें इजहार करती हैं और चेहरे के भाव बहुत कुछ बयान कर देते हैं। कभी जुबान कुछ कहती है और भाव कुछ और ही बयां करते हैं। अदाकारी एक खूबसूरत फन है और हिन्दुस्तान में अदाकारी का बहुत समृद्ध और प्राचीन इतिहास रहा है। भरत मुनि ने नाट्य शास्त्र में नाट्य से जुड़ी कई भाव भंगिमाएं बताई थीं। आंगिक अभिनय, वाचिक अभिनय और शाब्दिक अभिनय। 

अदाकारी की पाठशाला 

फिल्म और थिएटर की हस्तियों महिपाल, सज्जन और ओम शिवपुरी के शहर राज्य की संास्कृतिक राजधानी जोधपुर में भी अदाकारी की पाठशाला लगेगी। बच्चों के लिए गर्मियों की छुट्टियों में रोचक, मनोरंजक और ज्ञानवद्र्धक अंदाज में एक्टिंग सीखने का यह एक सुनहरा मौका होगा।

एक्टिंग की पाठशाला और थिएटर के गुरु
राजस्थान की सांस्कृतिक राजधानी सूर्यनगरी के एक्टिंग के इच्छुक बच्चों को थिएटर से जोडऩे के लिए जोधपुर लोर संस्थान की मेजबानी मे महावीर पब्लिक स्कूल में तीन अप्रेल से एक माह के लिए विशेष थिएटर वर्कशॉप लगेगी। इस कार्यशाला में 8 से 14 साल के बच्चे अभिनय सीख सकेंगे। इस वर्कशॉप की जोरशोर से तैयारियंा की जा रही हैं। कार्यशाला में फि ल्मों, टीवी व थिएटर से जुड़ी कई हस्तियां जहां ट्रेनिंग देंगी, वहीं इस दौरान प्रेक्टिकल रूप से नाटकों के मंचन के रिहर्सल के साथ ही एक प्ले भी तैयार किया जाएगा, वर्कशॉप के समापन के बाद इसका जोधपुर के टाउन हॉल में मंचन किया जाएगा।
वर्कशॉप की खासियत

इस वर्कशॉप में पर्सनैलिटी डवलपमेंट से लेकर हाव भाव, बोलने की प्रस्तुति से लेकर खड़े होने के तौर तरीके के साथ-साथ थिएटर के बारे में पूरी जानकारी हासिल करेंगे कि नाटक कैसे होता है और उसमें कैसे अभिनय किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला से इन बच्चों में से कुछ बच्चे ऐसे भी निकल पाएंगे, जो वाकई अपना भविष्य टेलीविजन और फि ल्मों में बनाना चाहते हैं। उन्हें आगे बढऩे में इसका लाभ मिल सकेगा। यदि विद्यार्थी पूरे समर्पण के साथ वर्कशॉप में हिस्सा लेंगे तो निश्चित रूप से बहुत कुछ सीखेंगे। जो बच्चे शर्मीले होते हैं या चुप-चुप रहते हैं उनके लिए यह कार्यशाला बहुत उपयोगी साबित होगी। गौरतलब है कि करीब डेढ़ दशक पहले वरिष्ठ रंगकर्मी और व्यक्तित्व विकास गुरु अरविंद भट्ट गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों के लिए थिएटर वर्कशॉप लगाते थे।

बच्चों के लिए सुनहरा मौका

जोधपुर से टीवी और फिल्म की कई प्रतिभाएं निकली हैं और जोधपुर में थिएटर को लेकर भी स्थानीय कलाकारों में उत्साह रहा है, लेकिन अभी तक बच्चे थिएटर से नहीं जोड़े जा सके। यही बात ध्यान में रख कर बच्चों के लिए थिएटर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। 

-शिल्पा मृदुल
रंगकर्मी व संस्थापक

जोधपुर लोर संस्थान


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