पांड्या को करनी होगी और तैयारी
अक्सर फिटनेस की समस्या से दो-चार होने वाले हार्दिक पांड्या के बारे में पूछे जाने पर रज्जाक ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि 26 साल का यह लड़का ज्यादा मेहनत नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि पांड्या एक अच्छे खिलाड़ी हैं और वह शानदार ऑलराउंडर बन सकते हैं। यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि वह मेहनत कितना करते हैं। उन्होंने कहा कि जब आप खेल को पूरा समय नहीं देते तो आपका प्रदर्शन खराब होगा। उन्होंने कहा कि हार्दिक को शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी बेहतर तैयारी करनी होगी। रज्जाक ने आगे कहा कि जैसा आपने देखा है, वह पिछले साल वह कई बार चोटिल हुआ। जब बहुत पैसा कमाने लगते हैं तो मेहनत से दूर भागने लगते है। पाकिस्तानी तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, जो उसके प्रदर्शन में भी दिख रहा है।
कपिल से तुलना जल्दबाजी
2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले हार्दिक पांड्या की तुलना भारत के महानतम हरफनमौला कपिल देव से की जा रही है। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रज्जाक ने कहा कि ऐसा करना काफी जल्दबाजी होगी। कपिल देव और इमरान खान अब तक के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर हैं। इन दोनों के स्तर के सामने हार्दिक कहीं नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि वह भी एक हरफनमौला है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि वह खुद की तुलना इमरान भाई से करें। कपिल देव और इमरान खान अलग स्तर के खिलाड़ी थे।
रज्जाक ने कहा बुमराह पर मेरे बयान को गलत तरीके से लिया गया
रज्जाक ने पिछले साल जसप्रीत बुमराह को ‘बेबी बॉलर’ कहा था। इस पर काफी विवाद हुआ था। 2016 में राष्ट्रीय टीम में पदार्पण करने के बाद बुमराह ने क्रिकेट के हर प्रारूप में अपनी छाप छोड़ी है और उन्हें समकालीन क्रिकेटरों में दुनिया का सबसे अच्छे गेंदबाजों में से एक माना जा रहा है। इस पर सफाई देते हुए रज्जाक ने कहा कि वह निजी तौर पर बुमराह के खिलाफ नहीं हैं। वह उनकी तुलना अपने समय के तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा, वसीम अकरम, कर्टली एम्ब्रोस, शोएब अख्तर से कर रहे थे। इन गेंदबाजों का सामना करना बहुत मुश्किल होता था। लेकिन उनकी टिप्पणी को गलत तरीके से लिया गया। उन्होंने कहा था कि बुमराह विश्वस्तरीय गेंदबाज बनने की ओर बढ़ रहा है। लेकिन हमारे समय में गेंदबाजों का स्तर काफी ऊंचा था। इसके आगे उन्होंने कहा कि इस बात से अधिकतर लोग असहमत नहीं होंगे।
गिरा है क्रिकेट का स्तर
क्रिकेट का स्तर गिरा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा तेज गेंदबाजों के सामने बल्लेबाजों को उतना दबाव नहीं झेलना पड़ता। उन्होंने कहा कि विश्व क्रिकेट एक बुरे दौर से गुजर रहा है। हम विश्वस्तरीय खिलाड़ी तैयार नहीं कर पा रहे हैं, जैसा 10-15 साल पहले था। रज्जाक ने कहा कि आपके पास एक ही टीम में सचिन तेंदुलकर, जहीर खान, वीरेंद्र सहवाग और सौरव गांगुली थी। इस गिरावट की वजह शायद जरूरत से ज्यादा टी-20 क्रिकेट है।
90 के दशक में ज्यादा मजबूत थी पाकिस्तान की टीम
रज्जाक ने कहा कि 90 के दशक में पाकिस्तान की टीम ज्यादा मजबूत थी, लेकिन पिछले एक दशक में टीम इंडिया उस पर भारी पड़ी है। विश्व कप में भी पाकिस्तान को हराने के मामले में भारत का रिकार्ड 7-0 है। भारत के खिलाफ तीन बार विश्व कप (1999, 2003, 2011) मैच खेलने वाले रज्जाक ने कहा कि अभी भारत इस रिकॉर्ड को और समय बरकरार रखेगा। ऐसा कम ही होता है कि भारत-पाकिस्तान आईसीसी प्रतियोगिता के नॉक-आउट मुकाबले में एक-दूसरे का सामना करे। वे लीग चरण में खेलते हैं, जहां भारत दावेदार होता है। हमारे खिलाड़ी दबाव को नहीं झेल पाते हैं।