बिली मर्डोक ने अपना डेब्यू मैच 1875 में अपनी शानदार कीपिंग के बलबूते खेला था। वह ऑस्ट्रेलिया के लिए खेले और कप्तानी भी की। उन्होंने इंग्लैंड टीम के लिए मात्र एक टेस्ट मैच खेला। जिसमे उन्होंने 12 रन बनाए और एक स्टंपिंग की। इसके बावजूद उनका ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलते हुए ऐसा रिकॉर्ड है कि उनको इंग्लैंड में भी सम्मान मिला।
ल्यूक रोंची न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेल चुके हैं। न्यूजीलैंड में पैदा होने वाले रोंची ने अपना पदार्पण ऑस्ट्रेलिया के लिए 2008 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। 2012 में वह अपने देश न्यूजीलैंड के लिए खेलने को लौट गए थे।
इयोन मॉर्गन ने आयरलैंड क्रिकेट टीम के लिए अंडर-15, 17 और अंडर-19 खेलते हुए आयरलैंड की ODI टीम में जगह बनाई। मॉर्गन आयरलैंड के लिए 2007 वर्ल्ड कप में खेले थे, इसमें आयरलैंड सुपर-8 में पहुंचने में कामयाब रही थी। इसके बाद उन्होंने आयरलैंड की कप्तानी भी की। इंग्लैंड के लिए खेलना उनकी बचपन की चाहत थी। वह पहली बार इंग्लैंड के लिए 2007 में इंग्लैंड की अंतर्राष्ट्रीय टीम का हिस्सा 12वें खिलाड़ी के रूप में बने। अब वह इंग्लैंड टीम के ODI क्रिकेट में कप्तान है और इंग्लैंड को पहला वर्ल्ड कप भी जिता सकते हैं।
केप्लेर वेसेल्स, यह खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के लिए खेल चुका है। इसके साथ ही यह ऐसे पहले बल्लेबाज हैं जिन्होंने दो देशों के लिए टेस्ट क्रिकेट में 1000 रन बनाए हैं। 1970 के दशक में डेब्यू करने के बाद उन्होंने 1991 में अपना आखिरी मैच खेला।
इफ्तिखार अली खान पटौदी इंग्लैंड और भारत दोनों टीमों के लिए खेले हैं। पटौदी के नवाब को 1932-33 सीरीज में इंग्लैंड की टीम में जगह मिली थी। उन्होंने अपने हमवतन महाराजा रणजीतसिंह की तरह ही अपने डेब्यू मैच में शतक जड़ा था। इंग्लैंड ने यह मैच उनके शतक की बदौलत जीत लिया था। इस सीरीज के बाद उन्होंने इंग्लैंड के लिए 2 और मैच खेले और वह भारत लौट आए। बेकार स्वास्थ के कारण वह भारत के लिए अधिक मैच नहीं खेल सके। पटौदी, बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान के दादा हैं और पूर्व भारतीय कप्तान मंसूर अली खान पटौदी के पिता हैं।