मुंबई ने खराब शुरुआत के बावजूद सरफराज खान के शानदार शतक की मदद से पहली पारी में 374 रन का स्कोर खड़ा किया। यह स्कोर काफी बड़ा लग रहा था, लेकिन मध्य प्रदेश के सलामी बल्लेबाज यश दुबे 236 गेंद में 14 चौकों की मदद से 113 रन की शानदार पारी। दुबे का साथ शुभम शर्मा ने दिया, शर्मा ने 215 गेंद में 15 चौके और एक सिक्स की मदद से 116 रन बनाए। वहीं रजत पाटीदार 120 रनों की नाबाद पारी खेलकर क्रीज़ पर टीके हुए हैं।
मध्य प्रदेश ने चौथे दिन के लांच ब्रेक तक 6 विकेट के नुकसान पर 475 रन बना लिए हैं। उन्होंने मुंबई पर 101 रनों की बढ़त बना ली है। एमपी कुछ ओवर और बल्लेबाजी करना चाहेगा उसके बाद पारी घोषित कर सकता है। मुंबई को यह से जीतने के लिए बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में कोई चमत्कार करना होगा। एमपी की 100 से ज्यादा की बढ़त के बाद मुंबई का यह मैच जीतना लगभग नामुमकिन है।
मध्य प्रदेश की टीम पिछली बार 1998-99 में रणजी फाइनल में पहुंची थी। लेकिन तब उसे कर्नाटक से हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस मैच को जीत एमपी इतिहास रचना चाहेगा। बता दें कि, नियमों के अनुसार यदि रणजी ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला ड्रॉ हो जाता है, तो पहली पारी में बढ़त हासिल करने वाली टीम को विजेता घोषित कर दिया जाता है। आरणजी ट्रॉफी 2019-20 के फाइनल में सौराष्ट्र को पहली पारी में अधिक रन बनाने के चलते ही चैंपियन घोषित किया गया था।