ऐसा रहा खिताबी मुकाबले का दूसरा दिन
विदर्भ ने दिन की शुरुआत चार विकेट के नुकसान पर 206 रनों के साथ की। जाफर दूसरे दिन का अंत 61 रनों पर नाबाद रहते हुए किया। हालांकि दिन का पहला विकेट विदर्भ ने अक्षय वघारे के रूप में खोया। उन्हें 237 के कुल स्कोर पर नवदीप सैनी ने आउट किया। कुछ देर बाद जाफर भी सैनी की गेंद पर पगबाधा करार दे दिए गए। इसके बाद वाडकर और सरवटे ने सातवें विकेट के लिए 169 रनों की साझेदार की। नितिश राणा ने काफी देर बाद इस साझेदारी को तोड़ा। राणा ने सरवटे को विकेट के पीछे ऋषभ पंत के हाथों कैच कराया। लेकिन इसके बाद भी वाडकर विकेट पर खड़े रहे और दिल्ली की मुसीबत बने रहे। उन्हें सारवाटे के बाद नेराई का साथ मिला और दोनों ने मिलकर टीम को मजबूत बढ़त दिला दी है। दोनों के बीच अभी तक आठवें विकेट के लिए 113 रनों की साझेदारी हो चुकी है।
विकेट के लिए तरसते रहे दिल्ली के गेंदबाज
10 साल बाद रणजी के फाइनल में पहुंचने वाली दिल्ली की टीम पहली बार फाइनल खेल रही विदर्भ के सामने एक-एक विकेट के लिए तरसती दिखी। होल्कर के सपाट पिच से गेंदबाजों को कोई खास मदद नहीं मिल रहा है। ऐसे में विदर्भ के लिए बल्लेबाजी आसान रही। दिल्ली के लिए नवदीप सैनी ने तीन विकेट लिए हैं। आकाश सुडान ने दो सफलता हासिल की हैं। राणा और खेजरोलिया को एक-एक विकेट मिला है।