रणजी के एक सीजन में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की बात करें तो इसी के साथ जयदेव उनादकट इस सूची में दूसरे स्थान पर आ गए। उनसे ज्यादा 68 विकेट बिहार के गेंदबाज आशुतोष अमन ने लिए हैं। उन्होंने पिछले रणजी सीजन 2018-19 में ही यह रिकॉर्ड कायम किया है। इस सूची में तीसरे स्थान पर टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज लेफ्ट आर्म स्पिनर और कप्तान बिशन सिंह बेदी का नाम है। उन्होंने 1974-75 में दिल्ली की तरफ से खेलते हुए यह कारनामा किया था। उनका यह रिकॉर्ड 45 साल तक कायम रहा। पिछले साल ही बिहार के आशुतोष अमन ने इस रिकॉर्ड को तोड़ा था। इस साल उनादकट ने भी उन्हें पीछे छोड़ दिया। चौथे स्थान पर टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज डोडा गणेश ने कर्नाटक की तरफ से खेलते हुए 1998-99 में 62 विकेट लिए थे। इसके अगले ही सीजन में हैदराबाद के ऑफ स्पिनर कंवलजीत सिंह ने इतने ही विकेट निकाले थे। पांचवें स्थान पर उनादकट की टीम के ही साथी धर्मेंद्रसिंह जडेजा हैं। उन्होंने पिछले सत्र में 59 विकेट लिए थे।
सौराष्ट्र को पहली बार चैम्पियन बनाने वाले कप्तान के इस प्रदर्शन को देखते हुए टीम इंडिया और सौराष्ट्र रणजी टीम के दिग्गज बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने जयदेव उनादकट को टीम इंडिया में शामिल करने की वकालत की। उन्होंने कहा कि उनादकट ने इस पूरे रणजी सत्र में काफी शानदार गेंदबाजी की है। उन्होंने कहा कि अगर कोई गेंदबाज रणजी के एक सत्र में 67 विकेट लेता है तो उन्हें नहीं लगता कि इससे बेहतर कोई दूसरा प्रदर्शन कर सकता है। पुजारा ने कहा कि टीम इंडिया को चुनते वक्त रणजी ट्रॉफी के प्रदर्शन को भी काफी अहमियत दी जानी चाहिए। अगर इसके बावजूद उनादकट को भारतीय टीम में नहीं चुना जाता तो उन्हें हैरानी होगी। वहीं अपनी टीम को चैंपियन बनाने के बाद उनादकट ने भी कहा कि अब उनकी नजरें टीम में वापसी करने पर टिकी है।