2003 में विश्व कप जीतने का टूट गया था सपना
सचिन तेंदुलकर का सपना था कि अपने करियर में उनके नाम एक विश्व कप भी हो। वह 2007 की टी-20 विश्व कप विजेता टीम के हिस्सा नहीं थे। वहीं 2003 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए विश्व कप के फाइनल में टीम इंडिया पहुंची थी, लेकिन खिताबी भिड़ंत में रिकी पोंटिंग की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम ने सौरव गांगुली की कप्तानी वाली टीम इंडिया को मात देकर सचिन का सपना तोड़ दिया था। सचिन विश्व कप की आस लेकर आखिरी बार 2011 विश्व कप में उतरे थे और महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने फाइनल में श्रीलंका को हराकर सचिन का सपना पूरा किया था। इस विश्व कप की खास बात यह थी कि इस विश्व कप का फाइनल सचिन के घर मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था।
सचिन ने बताया अविश्वसनीय
सचिन ने अवॉर्ड जीतने के बाद कहा कि उनके लिए यह अविश्वसनीय है। विश्व कप जीतने की भावों को वह शब्दों में नहीं व्यक्त कर सकते। उन्होंने कहा कि किसी टूर्नामेंट में अलग-अलग तरह के विचार निकल कर सामने आते हैं। बहुत कम बार ऐसा होता है कि पूरा देश एक साथ मिलकर जश्न मनाए। सचिन ने कहा कि यह बताता है कि कितनी बड़ी ताकत खेल में है और यह हमारी जिंदगी पर क्या जादू करता है। उन्होंने कहा कि वह अब भी जब उस पल को देखते हैं तो वह हमेशा उनके साथ रहता है।