तेंदुलकर ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि खेल और पढ़ाई के बीच सामंजस्य बनाना बेहद जरूरी है। उनके अनुसार, इन दोनों चीजों पर ध्यान देना जरूरी है। जब आप मैदान पर होते हैं, तब आपका ध्यान खेल पर होना चाहिए और जब पढ़ाई कर रहे होते हैं तो आपका फोकस उसी पर होना चाहिए। उन्होंने इस मौके पर अभिभावकों को भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि वह अभिभावकों से यह कहना चाहते हैं कि वह अपने बच्चों पर पढ़ाई या खेल को लेकर कोई दबाव न डालें।
इस मौके पर सचिन तेंदुलकर ने बताया कि सफलता के लिए अनुशासन, एकाग्रता और योजना बनाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि अपनी जिंदगी में उन्होंने कई चीजें देखी हैं। इससमें जो बातें उन्हें याद आती है, वह है अनुशासन, एकाग्रता, ध्यान और योजना के बारे में बात करना। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन इन सबसे ऊपर उन्हें जो लगता है वह यह कि कई ऐसे मौके आए, जब वह अपनी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सके। विफल हुए, पर खेल और सही टीम ने उन्हें बिना किसी शॉर्ट कट के फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने का सबक दिया। उन्होंने कहा कि आपके रास्ते में कई कड़ी चुनौतियां आएंगी, लेकिन अगर आप ईमानदारी से उनका सामना करने में सक्षम होंगे तो दुनिया के सामने आपकी कमजोरी नहीं आएगी।