कालों को रोकने के लिए आईसीसी ने बनाया नियम
विंडीज को दो टी-20 विश्व कप (T-20 World Cup) जिताने वाले पूर्व कप्तान डैरेन सैमी ने नस्लभेद का ताजा आरोप आईसीसी पर लगाया है। उन्होंने कहा कि काली टीमों और खिलाड़ियों की कामयाबी रोकने के लिए आईसीसी ने नो बॉल (No ball rules) का नियम बनाया है। बता दें आईसीसी ने पहली बार 1991 में एक ओवर में एक बाउंसर (bouncer rules) फेंकने का नियम बनाया था। 1994 में फिर एक ओवर में दो बाउंसर कर दिया। इसके बाद 2001 में प्रति ओवर एक बाउंसर किया और इसके 11 साल बाद फिर से ओवर में दो बाउंसर फेंकने की इजाजत दे दी।
विंडीज ने तेज गेंदबाजों की बदौलत कायम की थी बादशाहत
डैरेन सैमी ने अपने साक्षात्कार में कहा कि जेफ थॉमसन (Jeff Thompson) और डेनिस लिली (Dennis Lillee) ने बाउंसर से बल्लेबाजों को खूब परेशान किया था। इसके बाद काली टीम ने अपनी रफ्तार और बाउंसर के जरिये काफी कामयाबी हासिल की। इसके बाद काली टीमों की सफलता सीमित हो गई। बता दें कि 70-80 के दशक में वेस्टइंडीज टीम (West Indies Cricket Team) के तेज गेंदबाजों की तूती बोलती थी। इनके दम पर वेस्टइंडीज ने पूरी दुनिया में अपनी बादशाहत कायम की थी और अजेय टीम में बदल गई थी।
आईपीएल में भी है नस्लभेद का लगाया था आरोप
बता दें कि डैरेन सैमी ने आईपीएल (IPL) में भी नस्लभेद का आरोप लगाया था। उन्होंने ये दावा किया था कि आईपीएल में खेलने के दौरान उन्हें और श्रीलंकाई क्रिकेटर थिसारा परेरा (Thisara Parera) को कुछ क्रिकेटर कालू कहकर बुलाते थे। इसके लिए उन्होंने सनराइजर्स हैदराबाद (Sunrisers Hyderabad) के अपने साथियों से माफी तक की मांग की थी। बाद में उन्होंने बताया कि कुछ खिलाड़ियों ने उन्हें फोन कर बताया कि वे उन्हें प्यार से ‘कालू’ बुलाते थे।