सरफराज ने मीडिया से कहा, ‘यह शतक मेरे अब्बू की वजह है, यह उनके बलिदान की वजह से है और उस समय मेरा हाथ थामने की वजह से है जब मैं निराश था।’ नौशाद के दोनों बेटे सरफराज और मुशीर मुंबई टीम में ही खेलते हैं। यह पूछने पर कि क्या भारतीय टीम में जगह बनाने का सपना पूरा होने की ओर है? इस सवाल के जवाब में सरफराज की आंखे नाम हो गईं और वे इमोशनल हो गए।
उन्होंने कहा, ‘हमारी जिंदगी सब कुछ उन छोटे-छोटे सपनों के लिये हैं जिन्हें हम संजोते हैं। हम साथ सपने देखते हैं। मैंने मुंबई में वापसी के बाद से दो सत्र में जो 2000 के करीब रन बनाये हैं, वह सब मेरे अब्बू की वजह से है।’ सरफराज ने कहा, ‘आप सब तो जानते हो मेरे साथ क्या हुआ। अब्बू ना रहते तो मैं खत्म हो जाता।’
उन्होंने कहा, ‘इतनी सारी समस्यायें थीं और जब मैं सोचता कि मेरे अब्बू इन सबसे कैसे निपटे तो मैं भावुक हो जाता हूं। उन्होंने एक बार भी मेरा हाथ नहीं छोड़ा। मेरे भाई ने अपने फोन पर एक ‘स्टेटस’ लगाया है और मैं देख सकता हूं कि अब्बू कितने खुश हैं। मेरा दिन बन गया।’
अनुशासनात्मक मुद्दों के कारण सरफराज को एक सीजन के लिये उत्तर प्रदेश जाना पड़ा था और उन्होंने वापसी करने से पहले ‘कूलिंग ऑफ’ समय बिताया, जिसके बाद वह फिर मुंबई की टीम में चुने गए।
सिद्धू मूसेवाला का सिग्नेचर स्टेप –
इसके बारे में पूछने पर सरफराज ने कहा, ‘यह सिद्धू मूसेवाला के लिये था। मुझे उनके गाने बहुत पसंद हैं और ज्यादातर मैं और मुंबई के विकेटकीपर हार्दिक तामोरे उनके गाने सुनते हैं। मैंने इसी तरह का जश्न पिछले मैच के दौरान भी मनाया था लेकिन तब हॉटस्टार ने इसे दिखाया नहीं था। मैंने फैसला किया था कि जब भी एक और शतक जड़ूंगा, इस तरह ही जश्न मनाऊंगा।’
सरफराज पंजाबी गायक के प्रशंसक हैं जिनकी हाल में एक गैंग ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। गुरुवार को सरफराज ने शतक जड़ने के बाद मूसेवाला का सिग्नेचर स्टेप जांघ पर हाथ मारकर जश्न मनाया था।