सहवाग का मानना है कि दादा(सौरव गांगुली) ने अपने बैटिंग आर्डर पर कई बार धोनी को बल्लेबाजी करने का मौका दिया, जोकि एक तरह का बलिदान था। धोनी सौरव गांगुली के कारण दुनिया के बड़े खिलाड़ी बने हैं। गांगुली ने फैसला लिया कि वे धोनी को अपनी जगह तीसरे नंबर पर खेलने का मौका देंगे। एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि गांगुली हमेशा नए खिलाड़ियों को मौका देते थे। अगर दादा ऐसा नहीं करते तो धोनी आज दुनिया के बड़ी खिलाड़ी नहीं होते।
पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि उस समय हम बल्लेबाजी ऑर्डर में एक्सपेरिमेंट करते थे। उन्होंने कहा, हम फैसला करते थे कि अगर सलामी जोड़ी ने अच्छा खेल दिखाया तो गांगुली को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा जाएगा। वहीं अगर खराब पार्टनरशिप होती थी तो इरफान और धोनी जैसे हिटर्स मैदान पर उतरेंगे। लेकिन सौरव गांगुली इसके विपरीत करते थे वो अक्सर धोनी को अपनी जगह बल्लेबाजी करने भेजते थे।
वीरेंदर सहवाग ने 38 वर्षीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा के भारतीय टीम में शामिल होने पर उठ रहे सवालों पर अपना पक्ष रखते हुए नेहरा के सिलेक्शन का बचाव किया है। सहवाग ने नेहरा का बचाव करते हुए कहा कि अगर दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर 40 की उम्र तक क्रिकेट खेल सकते हैं, तो नेहरा क्यों नहीं खेल सकते। 2020 में होने वाले टी-20 विश्व कप में नेहरा के खेलने की संभावना के बारे में सहवाग ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि विश्व कप में खेलने के लिए उम्र मायने रखती है। अगर नेहरा फिट हैं और कम रन देकर अधिक विकेट ले सकते हैं, तो वह विश्व कप में क्यों नहीं खेल सकते?”
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सहवाग के सनसनीखेज बयान के बाद अब सौरव गांगुली और उनके बीच सोशल मीडिया पर ‘जंग’ छिड़ गई थी। सहवाग ने कहा था कि बोर्ड में ‘सेटिंग’ की कमी के कारण वह टीम के मुख्य कोच नहीं बन सके।