क्या कहा सहवाग ने
समारोह में कोच के मामले पर बोलते हुए सहवाग ने कहा कि कप्तान भले ही टीम का सर्वेसर्वा होता है वाबजूद इसके कई मामलों में उसकी भूमिका केवल राय देने वाली होती है। शायद इसी वजह से विराट के समर्थन के बावजूद वह टीम इंडिया के कोच नहीं बन पाए। बता दें कि कप्तान कोहली के साथ हुए मतभेद के बाद अनिल कुंबले ने कोचिंग का दायित्व छोड़ दिया था। जिसके बाद सहवाग ने कोच बनने का आवेदन किया था। वे इस रेस में काफी आगे बताए जा रहे थे। इसके ऐन समय पर सचिन तेंदुलकर , सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति ने रवि शास्त्री को टीम का नया कोच चुना।
अन्य मसलों पर भी वीरू
समारोह में सहवाग ने अन्य मसलों पर भी राय दी। जब सहवाग से सोशल मीडिया के बारे में पुछा गया तब उन्होंने कहा कि किसी भी मसले पर राय रखने की सोशल मीडिया से सहूलियत मिली है लेकिन अभी किसी सियासी पारी का इरादा नहीं है। आगे की मैं कुछ नहीं कह सकता। बता दें सहवाग अपने ट्वीट के लिए खासे चर्चित है। गुरमेहर प्रकरण में सहवाग के ट्वीट ने खूब सुर्खिया बटोरी थी।
स्टार कल्चर की बात गलत
क्रिकेटरों पर स्टार कल्चर हावी होता जा रहा है। कप्तान तो कोच से लेकर कमेंटेटर तक तय कर रहा है। इस पर सहवाग का कहना था कि कप्तान का थोड़ा बहुत प्रभाव हमेशा से ऐसे ही था। कोच और चयन में कप्तान की भूमिका हमेशा राय देने वाली रही है। अभी अगर मेरे कोच बनने वाली बात को लें तो कप्तान विराट कोहली ने मुझसे संपर्क किया। मैंने आवेदन किया। मैं कोच नहीं बना। ऐसे में
जल्द आ सकती है सहवाग की जीवनी पर किताब
बायोग्राफी के बारे में पुछे जाने पर सहवाग ने कहा कि तमाम क्रिकेटर्स की जीवनी आ रही हूं। मैं भी इस बारे में सोच रहा हूं। अच्छे लेखक की तलाश है। हो सकता है कि जल्द ही इस बारे में आपको पता चले। साथ ही सहवाग ने हिंदी कमेंटरी के बारे में भी बात की। सहवाग ने कहा कि हिंदी आम जन की भाषा है।
सुशील कुमार पर बननी चाहिए फिल्म
बायोपिक फिल्म पर सहवाग ने कहा कि अभी न तो इस बारे में उनसे कोई संपर्क किया गया है और न ही उनका कोई इरादा है। हां, यह जरूरी है कि भारत में तमाम ऐसे खिलाड़ी हैं क्रिकेट के अलावा भी जिनका संघर्ष लोगों के सामने आना चाहिए। मेरा मानना है कि रेसलर सुशील कुमार की बायोपिक आनी चाहिए। उनके संघर्ष को मैंने करीब से देखा है।
देश हित पहले, लेकिन पाकिस्तान से होने चाहिए मैच
सहवाग ने कहा कि भारत-पाक के बीच क्रिकेट सीरिज होनी चाहिए कि नहीं। यह सरकार को तय करना है। इस मायने में निजी तौर पर मेरा मानना है कि पाकिस्तान से भारत को क्रिकेट खेलना चाहिए। मुल्तान के सुल्तान ने कहा कि दुनिया के किसी तेज गेंदबाज को खेलने से पहले मैंने ज्यादा नहीं सोचा, लेकिन मुरलीधरन को खेलने में थोड़ी मुश्किल हुई। उनके लिए अलग से रणनीति बनानी पड़ी। उन्होंने कहा कि तेंदुलकर के साथ ओपन करने जैसा आनंद किसी के साथ नहीं था। उनके बाद गिलक्रिस्ट का नंबर है।