शास्त्री ने आलोचनाओं को सामान्य बताया
जब इन आलोचनाओं के बारे में टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री से संवाददाताओं ने पूछा तो उन्होंने कहा कि लाखों मील दूर बैठकर बातें बनाना आसान होता है। वे काफी दूर बैठ कर टिप्पणियां कर रहे हैं और हम दक्षिणी गोलार्ध में हैं। हमें वह करना हैं, जो टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ है, यह सामान्य सी बात है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि दूसरे टेस्ट में जडेजा के अलावा चयन को लेकर और कोई दुविधा की स्थिति थी। अगर ऐसा कुछ था तब भी वह उनकी समस्या नहीं है। मैदान पर जडेजा और इशांत शर्मा के बीच अपशब्दों की भरमार पर उन्होंने कहा कि वह इस तरह के कवरेज से कभी हैरान नहीं होते। कई तरीकों से इससे यह टीम को एकजुट होने के लिए प्रेरित कर सकती है। उन्होंने कप्तान कोहली के आस्ट्रेलियाई प्लेयर से भिड़ जाने के आक्रामक व्यवहार का भी का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि वह शानदार था। उनके बर्ताव में क्या गलत था। बेशक आप सवाल उठा सकते हैं, लेकिन वह भद्र पुरुष हैं।
शीर्ष क्रम का किया बचाव
शास्त्री ने हालांकि लचर शीर्ष क्रम को लेकर चिंता जताई, लेकिन लोकेश राहुल और मुरली विजय का बचाव करते हुए कहा कि शीर्ष क्रम की समस्या बड़ी चिंता है। उन्हें जिम्मेदारी और जवाबदेही लेनी होगी। लेकिन उन्हें यकीन है कि उनके पास अनुभव है और वे योगदान देंगे।
तीसरे टेस्ट में खेल सकते हैं मयंक
रवि शास्त्री ने यह भी संकेत दिया कि अगले मैच में मयंक अग्रवाल खेल सकते हैं। विकल्प के रूप में टीम मैनेजमेंट उनके नाम पर गंभीरता से विचार कर रहा है। वह अच्छा युवा खिलाड़ी है। भारत-ए के लिए ढेरों रन बनाए हैं। उसका घरेलू रिकॉर्डकिसी भी अन्य खिलाड़ी जितना अच्छा है, इसलिए हमें इस पर फैसला करना होगा।
पांड्या पर बरत रहे हैं सावधानी
पांड्या के नाम पर उन्होंने कहा कि वह आपको विकल्प देते हैं, लेकिन फिट होने के बाद सिर्फ एक प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं। इसलिए उन पर कोई फैसला लेने से पहले सावधानी बरतनी होगी। दूसरा टेस्ट मैच हारने के बावजूद शास्त्री मानते हैं कि भारत अच्छी स्थिति में है और ऐसा मौका उनकी टीम के पास दक्षिण अफ्रीका या इंग्लैंड में नहीं था।